बिना कमल वाली लक्ष्मीजी
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तालाबों को ढक दिया, हाथी दिया खदेड़ |
लक्ष्मी माँ भी कमल बिन, ज्यों पत्तों बिन पेड़ |
ज्यों पत्तों बिन पेड़, कहाँ से फल खायेगा |
दे कुदरत को छेड़, पुन: अब न आयेगा |
लक्ष्मी मैया दूर, निकाले पर्व दिवाला |,
बिना दीवाली दीप, लैगे किस्मत पर ताला |
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पहली घटना
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सुर हो जाते हैं असुर, नहीं सिद्ध जब स्वार्थ ।
युद्ध दुशासन छेड़ दे, किन्तु क्लीव नहिं पार्थ ।
किन्तु क्लीव नहिं पार्थ, सुयोधन मुँह की खाये ।
मरे कुटुम्ब समेत, नाम दुर्योधन पाये ।
करें अधर्म अनीति, फूटता नइखे बक्कुर ।
दीदी के शुभ बोल, सहे कैसे सत्तासुर ।
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नक्सल आतंकी कहीं, फिर ना जायें कोप |
शान्ति-भंग रैली करे, सत्ता का आरोप |
सत्ता का आरोप, निभाता नातेदारी |
विस्फोटक पर बैठ, मस्त सरकार बिहारी |
दशकों का अभ्यास, सँभाले रक्खा भटकल |
रैली से आतंक, इलेक्शन से हैं नक्सल ||
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मंगल मंगल लाल, लाल हनुमान लंगोटा -News for मंगल-यान
मंगल मंगलवार है, उड़ता मंगल-यान |
मंगल मंगल कामना, बढ़े हिन्द की शान |
बढ़े हिन्द की शान, बधाई श्री हरिकोटा |
मंगल मंगल लाल, लाल हनुमान लंगोटा |
कह रविकर कविराय, लक्ष्य-हित बढ़ता पलपल |
मनोवांछित पाय, सफल हो अपना मंगल ||
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नरेंद्र मोदी इस लायक नहीं हैं की उन्हें हिंदुस्तान का वजीरे आलम बनाया जाए
Virendra Kumar Sharma
सोने की चिड़िया मरे, रही फड़फड़ा पंख |
घोंघे तो संतुष्ट हैं, मुतमईन है शंख |
मुतमईन है शंख, जोर से चले बजाते |
ले घंटा-घड़ियाल, झूठ को सत्य बनाते |
रखें ताक़ पर बुद्धि, चले ये काँटा बोने |
देते ये झकझोर, हमें ना देंगे सोने ||
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बहना याद तमाम, सुता कौशल्या माँ की-
भैया मेरे राम जी, फिर भी मैं गुमनाम |
आये भैया दूज पर, बहना करे प्रणाम |
बहना करे प्रणाम, सुता कौशल्या माँ की |
दशरथ पिता प्रणाम, अवध की दिल में झाँकी |
मौसा मौसी गोद, डाल दी रविकर मैया |
पहले थी विकलांग, ठीक अब लेकिन भैया
प्रबंध-काव्य का लिंक-
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बहुत सुंदर चर्चा !
ReplyDeleteसुन्दर रचना प्रस्तुति आभार
ReplyDeleterachanaon ke badhiya link saheje hain ... abhaar
ReplyDeleteबहुत सुंदर चर्चा .
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