कलम के कारीगर, शब्दों के बाजीगर की आज मंगलवार 19 नवम्बर 2013 को वैवाहिक सालगिरह है
हिन्दी ब्लॉगर
मंगल मंगल कामना, वैवाहिक-त्यौहार | हार गले में डालिये, करो हार-स्वीकार | करो हार-स्वीकार, जिताओ रविकर भाभी | चले गृहस्थी-कार, भरे नित भाभी चाभी | स्वस्थ,सुखी परिवार, परस्पर सुदृढ़ सम्बल | पुत्र पुत्रियां पौत्र, सर्वदा मंगल मंगल || |
शीला का दुःख देखिये, शहजादे का क्रोध-
प्यासी बहनें जा रहीं, रुकने का अनुरोध |
शीला का दुःख देखिये, शहजादे का क्रोध |
शहजादे का क्रोध, मन:स्थित समझ करीबी |
करते रहते शोध, किन्तु नहिं ख़तम गरीबी |
रविकर देखें बोय, खेत में सत्यानाशी |
बढ़िया पैदावार, बहन पर भूखी-प्यासी ||
भाषण सुनकर जाइये, पूरी करिये साध |
एक घरी आधी घरी, आधी की भी आध |
आधी की भी आध, विराजे हैं शहजादे |
करिये वाद-विवाद, किन्तु सुनिये ये वादे |
शीला कहे पुकार, जानती यद्यपि कारण |
जाने को सरकार, फर्क डाले क्या भाषण ||
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दद्दा चुप्पै बैठिये, गोल-पोस्ट में खोट |
गोल-पोस्ट में खोट, जाय हिटलर हड़काये |
देंगे भारत-रत्न, गोल्ड पर कितना लाये ?
रविकर अंतर-ध्यान, चन्द बुड्ढे ही बाकी |
उनके कितने वोट, युवा ना देखें हाकी ||
गीत..................
अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)
शब्द-शब्द में भाव का, समावेश उत्कृष्ट | शिल्प देखते ही बने, यह सचमुच सारिष्ट || डोरे डाले सुंदरी, मनभावन मुस्कान | आलिंगन कैसे करूँ, कैसे करूँ प्रयाण | कैसे करूँ प्रयाण, यही गठबंधन पक्का | चल हरिनाम पुकार, छोड़ जग हक्का बक्का | सजी हुई है सेज, पड़े हैं कपड़े कोरे | पढ़े आज कुल पेज, जिल्द के ढीले डोरे || |
पति प्रेमी पितु-मातु, करा सकते जासूसी-
रविकर
छोरे ताकें छोरियां, वक्त करे आगाह | मर्यादा मत भूलना, दुनिया रखे निगाह | दुनिया रखे निगाह, शुरू है कानाफूसी | पति प्रेमी पितु-मातु, करा सकते जासूसी | फिर महिला आयोग, सूत्र यह सकल बटोरे | दृष्टि-दोष कर दूर, बिगाड़े खेल छिछोरे || |
तारा टूटे कहीं तो भगवान करे उसे बस माँ देखे
सुशील कुमार जोशी
टूटा तारा देख कर, माता के मन-प्राण | मांग रही हरदम यही, हो सबका कल्याण || |
खिलें इसी में कमल, आँख का पानी, कीचड़
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बढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteकारीगर को बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteजरूर हमें भी मिलेगी कुछ मिठाई
मनाते रहें इसी तरह सालो साल सालगिरह शादी की
करते रहें बाजीगरी कलम की तलवार बाजी की !
सुंदर चर्चा !
उल्लूक का आभार !
"तारा टूटे कहीं तो भगवान करे उसे बस माँ देखे"
को स्थान दिया !
सुखद दाम्पत्य जीवन की मंगल कामनाएं। समसामायिक कुंडलियों के लिए हार्दिक आभार रविकर जी।
Deleteबहुत सुंदर लिंक्स
ReplyDeleteविवाह की सालगिरह मुबारक हो
देंगे भारत-रत्न, गोल्ड पर कितना लाये ?
ReplyDeletebahut sundar bhavna.. sundar links ..
प्यासी बहनें जा रहीं, रुकने का अनुरोध |
ReplyDeleteशीला का दुःख देखिये, शहजादे का क्रोध |
शहजादे का क्रोध, मन:स्थित समझ करीबी |
करते रहते शोध, किन्तु नहिं ख़तम गरीबी |
रविकर देखें बोय, खेत में सत्यानाशी |
बढ़िया पैदावार, बहन पर भूखी-प्यासी ||
भाषण सुनकर जाइये, पूरी करिये साध |
एक घरी आधी घरी, आधी की भी आध |
आधी की भी आध, विराजे हैं शहजादे |
करिये वाद-विवाद, किन्तु सुनिये ये वादे |
शीला कहे पुकार, जानती यद्यपि कारण |
जाने को सरकार, फर्क डाले क्या भाषण ||
दीवाने का हाल तो देखो कवि से भी बदतर दिख रहा है कोई इसे सुनने को तैयार नहीं अम्मा मंत्री प्रधान बनाने के सपने देखे जाए है।