रिश्ते में दुर्गन्ध, लाश भी तू ही रख ले-
खले खोखला खल-खलल, खारिज खाली खाम |
बिन खोले ही पढ़ लिया, जो आया पैगाम |
जो आया पैगाम, शराफत रविकर छोड़े |
नित्य वसूले दाम, बाँह भी रोज मरोड़े |
बदले अब सम्बन्ध, ले चुकी सौ सौ बदले |
रिश्ते में दुर्गन्ध, लाश भी तू ही रख ले ||
यंत्र अबोला
Asha Saxena
अच्छा है जो है नहीं, यंत्र पकड़ ले झूठ | सपने जाते टूट फिर, अपने जाते रूठ || |
शिक्षा से क्रिश्चियन हूँ, रोप दिया यूरोप |
संस्कार से मुसलमाँ, चला कटारी घोप |
चला कटारी घोप, हिन्दु हूँ इत्तेफाक से |
इसीलिए तो कोप, डुबाता हूँ खटाक से |
राष्ट्रवाद बकवास, नीतियां ले भिक्षा से |
चरा दिया तो देश, विदेशी ऋण, शिक्षा से ||
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ये कैसा प्रयोग किया ?
प्रतुल वशिष्ठ
मैना उड़ती दूर तक, तोता सहे वियोग |
नाहक ऐसे भाव से, नित्य बढ़ाये रोग |
नित्य बढ़ाये रोग, योग के खोज रास्ते |
कर ले नवल प्रयोग, शान्तिमय चित्त वास्ते |
लगा ईश में ध्यान, व्यर्थ दे रहा उलहना |
उड़ जहाज से जाय, लौट कर आये मैना ||
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कार्टून :- नेताई ही कहॉं आसां है रे बांगड़ूगोवा का हौव्वा बड़ा, खड़ा सामने आय | तालिबान नेता बड़ा, फोटो लिया खिंचाय | फोटो लिया खिंचाय, हमारे वित्त मिनिस्टर | गृह-मंत्री विलखाय, यहाँ आई यम पर बककर | इत दिग्गी तौकीर, देश का अमन बिलोवा | मँहगाई की पीर, देख ना पाये गोवा || |
मिला पाक से फैक्स, सफल भाजप की रैली -
रैली पटना की सफल, सी एम् रहे बताय |
आतंकी धंधा नया, रैली सफल कराय |
रैली सफल कराय, नए अब कारोबारी |
आये नए चुनाव , नई ले रहे सुपारी |
देते सर्विस टैक्स, मिली पटना को थैली |
मिला पाक से फैक्स, सफल भाजप की रैली ||
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बिल्ली को चुहिया मिली, कभी हुई थी दफ्न |शेखचिल्लियों की चली, सोना सोना स्वप्न |सोना सोना स्वप्न, हुई शामिल दिल्ली भी |राजनीति-विज्ञान, लपलपा जाती जीभी |देखे सारा विश्व, उड़ाये रविकर खिल्ली |भूली गीता मर्म, शेख-चिल्ली की बिल्ली || |
आपके द्वारा त्वरित टिप्पणी बहुत अच्छी लगती हैं |आज मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
ReplyDeleteउम्दा चर्चा !
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ReplyDeleteशिक्षा से क्रिश्चियन हूँ, रोप दिया यूरोप |
संस्कार से मुसलमाँ, चला कटारी घोप |
चला कटारी घोप, हिन्दु हूँ इत्तेफाक से |
इसीलिए तो कोप, डुबाता हूँ खटाक से |
राष्ट्रवाद बकवास, नीतियां ले भिक्षा से |
चरा दिया तो देश, विदेशी ऋण, शिक्षा से ||
सुन्दर भाव तर्ज़ुमा रविकर की ज़ुबानी