शान्ता के चरण ; मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन
सर्ग-३
भाग-1
शांता चलती घुटुरवन, चहल पहल उत्साह |
दास-दासियाँ रख रहे, चौकस सदा निगाह ||
सबसे प्रिय लगती उसे, अपनी माँ की गोद |
माँ बोले जब तोतली, होवे परम-विनोद ||
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रखे ताजिया *जिया का, भैया अपने आप |
अविश्वास रविकर नहीं, पर करता है बाप |
पर करता है बाप, रही छवि अब ना उजली |
कीचड़ में ही कमल, हाथ में चालू खुजली |
चूर चूर विश्वास, किया क्या हाय शाजिया |
अंतर दिया मिटाय, कहाँ हम रखें ताजिया ||
*दीदी
संगीत सोम और सुरेश राणा बीजेपी ने किया सम्मान
राजेश श्रीवास्तव
दागी बंदूकें गईं, चमकाई शमशीर |
लाज लुटी, बस्ती बटी, दंगाई तदवीर |
दंगाई तदवीर, महत्वाकांक्षा खाई |
दिया-सलाई पाक, अगर-बत्ती सुलगाई |
सूत्रधार महफूज, जली तो धरा अभागी |
बने पाक इक पक्ष, बनाये दूजा दागी ||
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सही सोच वाले सभी, कांगरेस के साथ |
बाकी ना सुधरें कभी, कभी ना आवें हाथ |
कभी ना आवें हाथ, लगे पंजा नाखूनी |
दे पगही से नाथ, बैल को डालो चूनी |
देखा बछड़ा गाय, हाय रे बातें सतही |
शासन से उक्ताय, रहा अब तक नीरस ही ||
बाकी ना सुधरें कभी, कभी ना आवें हाथ |
कभी ना आवें हाथ, लगे पंजा नाखूनी |
दे पगही से नाथ, बैल को डालो चूनी |
देखा बछड़ा गाय, हाय रे बातें सतही |
शासन से उक्ताय, रहा अब तक नीरस ही ||
बेटी की सहेली का यौन शोषण करने के बाद 'तहलका' के संपादक ने दिया इस्तीफा
यौनोत्पीड़न के लिए, कुर्सी छोड़े आप |
कुर्सी छोड़े आप, मात्र छह महिना काहे |
सहकर्मी चुपचाप, बॉस जो उसका चाहे |
लेता आज संभाल, देख लेता कल कल का |
तरुण तेज ले पाल, सेक्स से मचे तहलका ||
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बहुत सुंदर चर्चा.
ReplyDeleteनई पोस्ट : पुरानी फाईलें और खतों के चंद कतरे !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार को (22-11-2013) खंडित ईश्वर की साधना (चर्चा - 1437) में "मयंक का कोना" पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सही सोच वाले सभी, कांगरेस के साथ |
ReplyDeleteबाकी ना सुधरें कभी, कभी ना आवें हाथ |
कभी ना आवें हाथ, लगे पंजा नाखूनी |
दे पगही से नाथ, बैल को डालो चूनी |
देखा बछड़ा गाय, हाय रे बातें सतही |
शासन से उक्ताय, रहा अब तक नीरस ही ||
वाह रविकर भाई खूब।