Wednesday 4 April 2012

सुलगे सीली राख, अश्रु ने इन्हें भिगोया-

ख़त

venus****"ज़ोया" at चाँद की सहेली**** 


सौदागर भेजा करे, नियमित लम्बी किश्त ।
कश्ती जीवन की चले, चले जीविका वृत्त  ।

चले जीविका वृत्त, वाह जोया सन्जोया ।
सुलगे सीली राख, अश्रु  ने इन्हें भिगोया ।

उलाहना अंदाज, आपका है आकर्षक ।
देने पूर्ण हिसाब, सत्य पहुंचेगा भरसक  ।।



बचपन में पी जा रही सोफ्ट ड्रिंक्स के तार जुड़े हैं दिल की बीमारियों से

 साफ्ट ड्रिंक मीठा जहर, घुटे घोंटते घूट ।
लगता अमृत तुल्य यह, पी लो खुल्ली छूट ।

पी लो खुल्ली छूट , लूटता जा बंजारे ।
दुग्धपान के बाद, मिले ये  नए सहारे ।

अगला लौकिक पान, मगर ना कर पायेगा ।
होता दिल बीमार, दाब ना सह पायेगा ।।   



मां बाप का आदर करना सीखिए Manu means Adam

DR. ANWER JAMAL at Blog News

पुरखों के सम्मान से, जुडी हुई हर चीज ।
अति-पावन है पूज्य है, मानवता का बीज ।

मानवता का बीज, उड़ाना हँसी ना पगले ।
करे अगर यह कर्म, हँसेंगे मानव अगले ।  

पढो लिखो इतिहास, पाँच शतकों के पहले ।
आदम-मनु हैं एक, बाप अपना भी कह ले ।।


चटकनी


देहली सजनी से मिलन, करता कष्ट कपाट ।
लौह-हृदय कब्जे लगे,  देते अन्तर पाट ।

 देते अन्तर पाट , दुष्ट गिट्टक इ'स्टापर ।
खलनायक बन टांग, अड़ा देते नित-वासर ।

रविकर बड़ी महान, हमारी छोट सिटकिनी ।  
है सुधीर आभार, मिलाती देहली सजनी ।।    
    

2 comments: