"नजर न आया वेद कहीं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
छेद नाव में होने से भी, कभी नहीं नाविक घबराया ।
जल-जीवन में गहरे गोते, सदा सफलता सहित लगाया ।
इतना लम्बा अनुभव अपना, नाव किनारे पर आएगी -
इन हाथों पर बड़ा भरोसा, बाधाओं को पार कराया ।।
अगर स्वार्थ के काले चेहरे, थाली में यूँ छेद करेंगे -
भौंक भौंक के भूखे मरना, किस्मत में उसने लिखवाया ।
नाव दुबारा फिर उतरेगी, पार करेगी सागर खारा ।
रखियेगा पतवार थाम के , डाक्टर फिक्स-इट छेद भराया ।।
"सायरन बजा देवता नचा"
Sushil Kumar Joshi at "उल्लूक टाईम्स "
कहता है यह सायरन , चला छापने नोट ।
वोट दिया तो क्या हुआ, छुप जा लेकर ओट ।।
टी वी विज्ञापनों का माया जाल और पीने की ललक
उत्सुकता लेकर चले, अंध-खोह की ओर ।
तन मन होते खोखले, यह दिल मांगे मोर ।।
घृणित मानसिकता खड़ी, सड़े गले से दुष्ट ।
फाँसी के तख्ते चढ़े, हो मानवता पुष्ट ।।
सूरज लाली ऊष्णता, से जीवन उम्मीद ।
तन मन ऊर्जा प्राप्त कर, सदा मनाओ ईद ।।
चोर चोर मौसेरे भाई. हुई कहावत बड़ी पुरानी |
सम्बन्ध सगा यह सबसे पक्का, झूठ कहूँ मर जाये नानी ।
जिसने आर्डर दिया दिलाया, जो लाया झेले गुमनामी ।
पुर्जे पुर्जे हुआ कलेजा, हुई मशिनिया बड़ी सयानी ।
सौ प्रतिशत का छुआ आंकडा, होने लगी बड़ी बदनामी ।
कम्बख्तन को पडा मिटाना, इसीलिए भैया जी दानी ।।
उम्मीदों का सूरज.
shikha varshney at स्पंदन SPANDAN
सूरज लाली ऊष्णता, से जीवन उम्मीद ।
तन मन ऊर्जा प्राप्त कर, सदा मनाओ ईद ।।
व्यंग्य: है कोई माई का लाल?
संगीता तोमर Sangeeta Tomar at नुक्कड़चोर चोर मौसेरे भाई. हुई कहावत बड़ी पुरानी |
सम्बन्ध सगा यह सबसे पक्का, झूठ कहूँ मर जाये नानी ।
जिसने आर्डर दिया दिलाया, जो लाया झेले गुमनामी ।
पुर्जे पुर्जे हुआ कलेजा, हुई मशिनिया बड़ी सयानी ।
सौ प्रतिशत का छुआ आंकडा, होने लगी बड़ी बदनामी ।
कम्बख्तन को पडा मिटाना, इसीलिए भैया जी दानी ।।
नदी और समय
अरुण चन्द्र रॉय at सरोकार
नदी बाँध से बँधे पर, बहता समय अबाध ।
फिर भी दोनों में दिखे, चंचल साम्य अगाध ।।
बेहतरीन लिंक्स ।
ReplyDeleteरविकर तड़का लगा कर लगा कर
ReplyDeleteलि़क को लिंक पर ले जाता है
उल्लूक पूछ नहीं उससे पाता है
भाई कबाड़ रोज क्यों तू उठाता है?
bahut achchhe links...badhiya
ReplyDeleteवाह!!!!बहुत सुंदर प्रस्तुति,..प्रभावी लिंक्स ..
ReplyDelete