" झपट लपक ले पकड़ "
पाँच साल से पैक है, इक नौ लखा मशीन ।
नई योजना ली बना, हो प्रोजेक्ट विहीन ।
हो प्रोजेक्ट विहीन, मिलेंगे पुन: करोड़ों ।
सात पुश्त के लिए, सम्पदा जम के जोड़ो ।
ड्राइवर माली धाय, खफा हैं चाल-ढाल से ।
पत्नी पुत्री-पुत्र, बिगड़ते पाँच साल से ।।
नई योजना ली बना, हो प्रोजेक्ट विहीन ।
हो प्रोजेक्ट विहीन, मिलेंगे पुन: करोड़ों ।
सात पुश्त के लिए, सम्पदा जम के जोड़ो ।
ड्राइवर माली धाय, खफा हैं चाल-ढाल से ।
पत्नी पुत्री-पुत्र, बिगड़ते पाँच साल से ।।
मन्त्र-शक्ति से था बसा, पहले त्रिपुर-स्थान ।
लटक गए त्रिशंकु भी, इंद्र रहे रिसियान ।
इंद्र रहे रिसियान, हुए क्रोधित त्रिपुरारी ।
मय दानव का मान, मिटाई कृतियाँ सारी ।
बसते नगर महान, आज फिर तंत्र-शक्ति से ।
पर पहले संसार, सधा था मन्त्र-शक्ति से ।।
गिरीश मुकुल
इश्क प्रेम लव पर
भैया बहुत सटीक है, भौजी जी मनमार |
इश्क प्रेम लव पर
भैया बहुत सटीक है, भौजी जी मनमार |
दर्दे दिल की दें दवा, प्यार भरा उपहार |
प्यार भरा उपहार, पीर तो अरुण-किरण है |
फैले अब उजियार, प्रतिमा राम चरण है |
तरिहे गौतम नार, जमा मिष्ठान खवैया |
रविकर भी है साथ, देखता भौजी भैया ||
ड्राइवर माली धाय, खफा हैं चाल-ढाल से ।
ReplyDeleteपत्नी पुत्री-पुत्र, बिगड़ते पाँच साल से ।।
बेहतरीन पोस्ट .
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....
विभिन्न रंग दिखे।
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है जी आप ने........
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