समय के साथ
ज़िंदा है माँ जानता, इसका मिला सुबूत ।
आज पौत्र को पालती, पहले पाली पूत ।
पहले पाली पूत, हड्डियां घिसती जाएँ ।
करे काम निष्काम, जगत की सारी माएं ।
किन्तु अनोखेलाल, कभी तो हो शर्मिन्दा ।
दे दे कुछ आराम, मान कर मैया ज़िंदा ।।
वाह वाह बस वाह है, नहीं आह का काम ।
अंतिम इच्छा
आवारा बादल -वाह वाह बस वाह है, नहीं आह का काम ।
सीधी साधी चाह है, निश्चित जब अंजाम ।
निश्चित जब अंजाम, तयारी पूरी कर लूँ ।
छपा रखे है कार्ड, सही से तिथि को भर लूँ ।
पक्का न्यौता मान, मगर निकले न आंसू ।
मुखड़े पर मुस्कान, जनाजा निकले धांसू ।।पृथ्वी दिवस पर.......
पेड़ कटे तालाब पटे,
अब जंगल से सटते जाते |
कंक्रीट की दीवारों में,
पल पल हम पटते जाते |
अब जंगल से सटते जाते |
कंक्रीट की दीवारों में,
पल पल हम पटते जाते |
आबादी का बोझ नही जब,
सह पाती छोटी सड़कें -
कुर्बानी पेड़ों की होती
बार बार कटते जाते ||
मुज़रिम
चित्र मार्मिक खींच गया कवि मांगों पर अब मौत मिले |
नीति नियत का नया नियंता, भिखमंगो से बड़े गिले |
मांगे मांगे मांग रहा है, मांगों का लो अंत किया-
दर्द ख़तम सब स्वांग ख़तम, जा रे ले जा मौत दिया ||
धोबी माली ठेले-वाला, ड्राइवर हाकर मेले-वाला
नीति नियत का नया नियंता, भिखमंगो से बड़े गिले |
मांगे मांगे मांग रहा है, मांगों का लो अंत किया-
दर्द ख़तम सब स्वांग ख़तम, जा रे ले जा मौत दिया ||
सुर्ख लबों पर कड़वी बातें
धोबी माली ठेले-वाला, ड्राइवर हाकर मेले-वाला
मिश्री-डली घोल के रखती, जैसे हो पहचान पुरानी ।
रंग-रूप यौवन है धोखा, चलते चलते ढल जाएगा-
कडुवाहट से कान पके मम, प्रिये बोल अब मीठी बानी ।।
चिंतामय परिवेश, खोल ले मन की खिड़की ।
पेड़ बनाम आदमी
भाव सार्थक गीत के, आवश्यक सन्देश ।
खुद को सीमित मत करो, चिंतामय परिवेश ।
जो थोड़ा सा शेष, सुनो उसकी यह झिड़की ।
उत्साही राजेश, साधिये हित जो व्यापक ।
बगिया वृक्ष सहेज, तभी ये भाव सार्थक ।।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर टिप्पणियाँ ,....
ReplyDeleteMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...:गजल...
सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआप तो कविता फैक्टरी हैं।
ReplyDeleteऔर कमाल है कि पोस्ट लगी नहीम आपकी कविराई टिप्पणी हाज़िर।
वाह...
ReplyDeleteकिन्तु अनोखेलाल, कभी तो हो शर्मिन्दा ।
दे दे कुछ आराम, अगर है मैया ज़िंदा ।।
बढ़िया टिप्पणियों से सजे लिंक्स.....
सादर.
माँ जैसा कोई नहीं ,दाता इस संसार में,
ReplyDeleteभले दूर वह रहे मगर हमें असीसे प्यार से !!
:)
ReplyDeleteati sundar....
ReplyDeleteबहुत बढि़या।
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