कोरबा
पढता जाऊं कोरबा, कौरव पांडू जाति ।
ऐतिहासिक यह क्षेत्र है, बढ़ी हमेशा ख्याति ।
बढ़ी हमेशा ख्याति, खनिज भण्डार भरे हैं ।
आदिकाल से वास, यहाँ पर लोग करे हैं ।
सिंहावलोकन करत, ध्यान से आगे बढ़ता ।
बौद्ध तथा गोदान, श्रेष्ठ रामायण पढता ।।
शब्द निवेदन में यही, यही शब्द सन्देश |
कविता हो जाते अगर, बढ़ता भावावेश |
बढ़ता भावावेश, माध्यम अच्छा पाया ।
बसे दूर परदेश, पिया के पास पठाया ।
सुरभित सुमन सुगंध, संग में कंटक भेदन ।
शब्द भाव बिन व्यर्थ, बांचिये शब्द निवेदन ।।
केक और मिष्ठान खिलाओ |
सखी सहेली मित्र बुलाओ |
जन्म दिवस की मंगल बेला-
दीप जला कर ख़ुशी मनाओ |
हैप्पी-बर्थ डे हैप्पी हैप्पी -
जोर-शोर से गगन गुन्जाओ |
नियमित ब्लोगिंग करते जाओ
तब तो परीक्षा केंद्र को ही दीजिये बधाई |
कम से कम एक बार मुलाक़ात कराई |
हम बेकार बेकरार हैं |
आप स्कूटी हैं कार हैं |
कम से कम एक बार मुलाक़ात कराई |
हम बेकार बेकरार हैं |
आप स्कूटी हैं कार हैं |
उल्लूक टाइम्स पर कैसे पेट्रोल भराई ??
सदा हृदय में बारती, यादों का हरदीप ।
यादों का आईना
शब्दों का उजालासदा हृदय में बारती, यादों का हरदीप ।
हर सुख दुःख में एकसा, मिलते पिता समीप ।।
Bahut khub...
ReplyDeleteसुरभित सुमन सुगंध, संग में कंटक भेदन ।
ReplyDeleteशब्द भाव बिन व्यर्थ, बांचिये शब्द निवेदन ।।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
bahut sundar dohe hamesha ki tarah.
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteकहाँ कहाँ उल्लू को उड़ायेंगे
ReplyDeleteभाई लोग परेशान हो जायेंगे
हर शाख पै तो बैठाया ही गया है
हर ब्लाग पर भी क्या बैठायेंगे ?