कार्टून :- अबके कॉंग्रेस के हारने का सबसे बड़ा कारण
काजल कुमार Kajal Kumar
कई निठल्ले हैं यहाँ, लिखते बढ़िया ब्लॉग |
करो एपॉइंट एक को, लगा सकें ये आग |
लगा सकें ये आग, लिखेंगे भाषण धांसू |
नहीं कहीं बेवजह, बहाने होंगे आंसू |
करा रिहर्सल खूब, वोट में बदल धड़ल्ले |
करें काज आसान, काम के कई निठल्ले ||
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सुरसा सी बढ़ रही मंहगाई से आम आदमी त्रस्त और नेता हैं मस्त ....
mahendra mishra
इत शोभन सरकार हैं, उत शोभा सरकार |इत सोना का प्यार है, उत सोना धिक्कार | उत सोना धिक्कार, बड़ा सस्ता है सोना | मँहगाई की मार, पड़ा है छूछ भगोना | सपने पे इतबार, पांच रुपये में भोजन | मंत्री मारे मौज, मौज मारे इत शोभन || |
गंडा बाँधे फूँक कर, थू थू कर ताबीज |
गड़ा खजाना खोद के, रहे हाथ सब मींज |
रहे हाथ सब मींज, मरी चुहिया इक निकली |
करे मीडिया मौज, उड़ा के ख़बरें छिछली |
रकम हुई बरबाद, निकलते दो ठो हंडा |
इक तो भ्रष्टाचार, दूसरा प्रोपेगंडा |
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*कसंग्रेस भी आज, करें दंगों का धंधा
अन्धा बन्दर बोलता, आंके बन्दर मूक |
गूंगा बन्दर पकड़ ले, हर भाषण की चूक |
हर भाषण की चूक, हूक गांधी के दिल में |
मार राख पर फूंक, लगाते लौ मंजिल में |
*कसंग्रेस भी आज, करें दंगों का धंधा |
मत दे मत-तलवार, बनेगा बन्दर अन्धा ||
* जैसा राहुल के इंदौर के कार्यक्रम के पोडियम पर लिखा था-
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नहीं आ रहा बाज, बजाये मारू बाजा-
बाजारू संवेदना, दिया दनादन दाग |
जिसको भी देखो यहाँ, उगल रहा है आग |
उगल रहा है आग, जाग अब जनता जाती |
लेकर मत में भाग, जोर से उन्हें भगाती |
छद्म रूप में आज, धर्म निरपेक्ष विराजा |
नहीं आ रहा बाज, बजाये मारू बाजा ||
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कौशल्या-दशरथ ; भगवती शांता ;मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन
प्रबंध काव्य का लिंक:- मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता
भाग-3
कुण्डलियाँ
दुख की घड़ियाँ सब गिनें, घड़ी-घड़ी सरकाय ।
धीरज हिम्मत बुद्धि बल, भागे तनु विसराय ।
भागे तनु विसराय, अश्रु दिन-रात डुबोते ।
रविकर मन बहलाय, स्वयं को यूँ ना खोते ।
समय-चक्र गतिमान, मिलाये सुख की कड़ियाँ ।
मान ईश का खेल, बिता ले दुख की घड़ियाँ ।।
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बेहतरीन प्रसुतिओं से सजा मंच
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (27-10-2013)
जिंदगी : चर्चा अंक -1411 में "मयंक का कोना" पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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अहोई अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
कई निठल्ले हैं यहाँ, लिखते बढ़िया ब्लॉग -
ReplyDeleteइत शोभन सरकार हैं, उत शोभा सरकार |
इत सोना का प्यार है, उत सोना धिक्कार...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
मात सोनिया बाँध के रख्खो बछड़ा पास
अब भी थोड़ी बहुत है वोट मिलन की आस?
वाह बहुत सुन्दर .. :) :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .
ReplyDeleteनई पोस्ट : कोई बात कहो तुम