Politics में शेर और भेड़ियों के बीच अन्डरस्टैंडिन्ग
DR. ANWER JAMAL
कहानियाँ देते सुना, भुना रहे प्रोनोट |
दूजे को लगता सदा, पहले में है खोट |
पहले में है खोट, पोट कर रखते वोटर |
कठफुड़वा की टोंट, बना देती है कोठर |
बैठे हिंसक जीव, चला गठजोड़ आ रहा |
खुदा देश की नींव, लगाते दुष्ट कहकहा ||
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सत्य वचन थे कुँवर के, आज सुवर भी सत्य |
दोष संघ पर दें लगा, बिना जांच बिन तथ्य |
बिना जांच बिन तथ्य, बड़े बडबोले नेता |
हुई सभा सम्पन्न, सभा के धन्य प्रणेता |
बीता आफत-काल, हकीकत आये आगे |
फिर से खड़े सवाल, किन्तु सुन नेता भागे ||
दोष संघ पर दें लगा, बिना जांच बिन तथ्य |
बिना जांच बिन तथ्य, बड़े बडबोले नेता |
हुई सभा सम्पन्न, सभा के धन्य प्रणेता |
बीता आफत-काल, हकीकत आये आगे |
फिर से खड़े सवाल, किन्तु सुन नेता भागे ||
बोले थे जो जनार्दन, दिखे वही छल छंद ।
शहजादे कहना नहीं, करूँ अन्यथा बंद ।
करूँ अन्यथा बंद, लगेंगे दो दिन केवल।
आइ यस आई लिंक, बना लेता क्या सम्बल ।
हो पटने में ब्लास्ट, जहर मानव-बम घोले ।
पर बच जाता मंच, पुन: मोदी यह बोले ॥
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परंपरा --
Indu Kalkhande
चालू म्यूजिक लॉन्च पर, तू कर रैली बंद |
आतंकी उद्देश्य सा, बकते मंत्री चन्द |
बकते मंत्री चन्द, अगर भगदड़ मच जाती |
मरते कई हजार, भीड़ भी फिर गुस्साती |
तोड़ फोड़ धिक्कार, हँसे आतंकी-खालू |
यह कैसा व्यवहार, मंत्रि-परिषद् अति चालू ||
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घटना करते थे कहीं, शरण यहाँ पर पाय |
भटकल क्या पकड़ा गया, जाती बुद्धि नशाय |
जाती बुद्धि नशाय, हिरन झाड़ी खा जाए |
मारे तीर नितीश, नजर तू जैसे आये |
बोध गया विस्फोट, व्यर्थ दहलाया पटना |
रे आतंकी मूर्ख, आत्मघाती ये घटना ||
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कितनी छिछली हरकतें, कर आयोग विचार-
कितनी छिछली हरकतें, कर आयोग विचार |
कर आयोग विचार, किसानों की यह खेती |
मधुमक्खी मकरंद, इन्हीं कमलों से लेती |
दिखी कांग्रेस धूर्त, कलेजा कितना काला |
पंजा दे कटवाए, साइकिल में भी ताला ||
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बहुत सुंदर सूत्र संकलन !
ReplyDeleteबहत सुंदर लिंक्स.
ReplyDeleteटिप्पणियों में शानदार ढ़ंग से भाव प्रकट करते हैां
ReplyDeleteरविकर जी आप तो।
सत्य वचन थे कुँवर के, आज सुवर भी सत्य |
ReplyDeleteदोष संघ पर दें लगा, बिना जांच बिन तथ्य |
बिना जांच बिन तथ्य, बड़े बडबोले नेता |
हुई सभा सम्पन्न, सभा के धन्य प्रणेता |
बीता आफत-काल, हकीकत आये आगे |
फिर से खड़े सवाल, किन्तु सुन नेता भागे ||
रविकर के लेखन की आंच दिनों दिन प्रखर होती जाए रे
सत्य वचन थे कुँवर के, आज सुवर भी सत्य |
ReplyDeleteदोष संघ पर दें लगा, बिना जांच बिन तथ्य |
बिना जांच बिन तथ्य, बड़े बडबोले नेता |
हुई सभा सम्पन्न, सभा के धन्य प्रणेता |
बीता आफत-काल, हकीकत आये आगे |
फिर से खड़े सवाल, किन्तु सुन नेता भागे ||
रविकर के लेखन की आंच दिनों दिन प्रखर होती जाए रे
तालाबों को ढक रहे, हाथी पिछली बार |
कितनी छिछली हरकतें, कर आयोग विचार |
कर आयोग विचार, किसानों की यह खेती |
मधुमक्खी मकरंद, इन्हीं कमलों से लेती |
दिखी कांग्रेस धूर्त, कलेजा कितना काला |
पंजा दे कटवाए, साइकिल में भी ताला || बहुत खूब कह जाए हमारा सब रविकर कविराय।
सत्य वचन थे कुँवर के, आज सुवर भी सत्य |
ReplyDeleteदोष संघ पर दें लगा, बिना जांच बिन तथ्य |
बिना जांच बिन तथ्य, बड़े बडबोले नेता |
हुई सभा सम्पन्न, सभा के धन्य प्रणेता |
बीता आफत-काल, हकीकत आये आगे |
फिर से खड़े सवाल, किन्तु सुन नेता भागे ||
रविकर के लेखन की आंच दिनों दिन प्रखर होती जाए रे
तालाबों को ढक रहे, हाथी पिछली बार |
कितनी छिछली हरकतें, कर आयोग विचार |
कर आयोग विचार, किसानों की यह खेती |
मधुमक्खी मकरंद, इन्हीं कमलों से लेती |
दिखी कांग्रेस धूर्त, कलेजा कितना काला |
पंजा दे कटवाए, साइकिल में भी ताला ||
बहुत खूब कह जाए हमारा सब रविकर कविराय।
जो न आये नित यहाँ सो पाछे पछताय ,
आओ भाई लिंक लिखाड़ी ,रहो सबसे अ-गाड़ी