Friday, 25 October 2013

आइ-यस आइ पाक का, राहुल क्या उपचार-



शहादत पर सियासत का खेल



खरी खरी लिखते गए, भैया सौ की एक |

हत्या होती एक की, झेले दर्द अनेक |


झेले दर्द अनेक, हुवे थे क़त्ल हजारों |

भाग गए परदेश, उन्हें तो आज उबारो |


मँहगाई की मार, किन्तु सत्ता है बहरी |
गा के अपना दर्द, फर्ज पर करे मसखरी | 


*कसंग्रेस भी आज, करें दंगों का धंधा

अन्धा बन्दर बोलता, आंके बन्दर मूक |
गूंगा बन्दर पकड़ ले, हर भाषण की चूक |

हर भाषण की चूक, हूक गांधी के दिल में  |
मार राख पर फूंक, लगाते लौ मंजिल में  |

*कसंग्रेस भी आज, करें दंगों का धंधा |
मत दे मत-तलवार, बनेगा बन्दर अन्धा ||

* जैसा राहुल के इंदौर के कार्यक्रम के पोडियम पर लिखा था-

गंडा बाँधे फूँक कर, थू थू कर ताबीज |
गड़ा खजाना खोद के, रहे हाथ सब मींज |

रहे हाथ सब मींज, मरी चुहिया इक निकली |
करे मीडिया मौज, उड़ा के ख़बरें छिछली |

रकम हुई बरबाद, निकलते दो ठो हंडा |
इक तो भ्रष्टाचार, दूसरा  प्रोपेगंडा |

मेरे विचार मेरी अनुभूति


गीता का सारांश पढ़, रविकर भाव विभोर |

कर्म भक्ति का पथ पकड़, चले ब्रह्म की ओर |



मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता-1

मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता


कुण्डलियाँ 

रविकर नीमर नीमटर, वन्दे हनुमत नाँह ।
विषद विषय पर थामती, कलम वापुरी बाँह ।

कलम वापुरी बाँह, राह दिखलाओ स्वामी ।
शांता का दृष्टांत, मिले नहिं अन्तर्यामी ।

बहन राम की श्रेष्ठ, उपेक्षित त्रेता द्वापर ।
रचवाओ शुभ-काव्य, करे विनती अब रविकर ।

( नीमटर=किसी विद्या को कम जानने वाला 
नीमर=कमजोर ) 

सर्ग-1


सुरसा सी बढ़ रही मंहगाई से आम आदमी त्रस्त और नेता हैं मस्त ....

mahendra mishra 
इत शोभन सरकार हैं, उत शोभा सरकार |
इत सोना का प्यार है, उत सोना धिक्कार |
उत सोना धिक्कार, बड़ा सस्ता है सोना |
मँहगाई की मार, पड़ा है छूछ भगोना |
सपने पे इतबार, पांच रुपये में भोजन |
मंत्री मारे मौज, मौज मारे इत शोभन ||

"दोहे-फेसबुक और ब्लॉगिंग" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 




रोवे बुक्का फाड़ के, कहीं हंसी बेजोड़ |
टांग खिंचाई हो कहीं, बाहें कहीं मरोड़ |

बाहें कहीं मरोड़ , फेस करते हैं सुख दुःख |
जीवन के दो फेस, जानिये ब्लॉगर का रुख |

काटे चुटकी एक, रीति को दूजा ढोवे-
नहीं तवज्जो पाय, किन्तु ये दोनों रोवे ||


मुस्लिम दंगा-ग्रस्त, बनेंगे पाकिस्तानी-

कानी यह सरकार है, अंधी वह सरकार |
आइ-यस आइ पाक का, राहुल क्या उपचार |

राहुल क्या उपचार, मुजफ्फर-नगर बहाना -
सीमा पर हों क़त्ल, वार्ता से बहलाना | 

मुस्लिम दंगा-ग्रस्त, बनेंगे पाकिस्तानी |
राज बके युवराज, बात लगती बचकानी ||



कार्ट्रन :- नो कमेंट्स

noreply@blogger.com (काजल कुमार Kajal Kumar) 


अम्मा दादी लो बचा, नाना पापा मोय |
दुष्ट छेड़ते हैं मुझे, बात बात पर धोय |

बात बात पर धोय, बयानों पे उलझाए |

आइ यस आइ बोय, देश में घुस घुस आये |

पी एम् रहते मौन, किन्तु मैं नहीं निकम्मा |

किचन कैबिनट गौण, हमें पुचकारे अम्मा ||

9 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. शुक्रिया रविकर जी
    आपने टिपण्णी को लिंक नहीं क्या,
    बल्कि खूबसूरती से मेरे लेख को कुछ शब्दों में बयाँ किया है


    मेरी दुनिया.. मेरे जज़्बात..

    ReplyDelete
  3. चर्चा में काफी अच्छे पठनीय लिंकों का चयन किया गया है. समयचक्र की पोस्ट को सम्मिलित करने के लिए आपका आभारी हूँ ....

    ReplyDelete
  4. सुंदर चर्चा....
    मेरी रचना शामिल की गयी धन्यवाद

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (26-10-2013)
    "ख़ुद अपना आकाश रचो तुम" : चर्चामंच : चर्चा अंक -1410 में "मयंक का कोना"
    पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete


  6. अम्मा दादी लो बचा, नाना पापा मोय |
    दुष्ट छेड़ते हैं मुझे, बात बात पर धोय |

    बात बात पर धोय, बयानों पे उलझाए |
    आइ यस आइ बोय, देश में घुस घुस आये |

    पी एम् रहते मौन, किन्तु मैं नहीं निकम्मा |
    किचन कैबिनट गौण, हमें पुचकारे अम्मा ||

    छा जातें पुरजोर हैं ,चित्र व्यंग्य पुरजोर ,क्या बता है कुमार काजल की। बोल श्री मंदमति सरकार की जय बोल !
    बोल श्री शोभन सरकार की जय बोल

    ReplyDelete
  7. बहुत सुन्दर संग्रह !
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार !

    ReplyDelete