मन से भूखा मारका, पका लगा के आग |
राज-नीति की खा-मियाँ, ठा 'ठा-करे' दिमाग |
ठा ठा-करे दिमाग, 'राज' चा-चा चर पागल |
मानवता पर दाग, कराये हरदिन दंगल |
रांची दो भिजवाये, निकालूँ गर्मी तनसे |
होता नहीं इलाज, लूटता है यह 'मनसे' |
पछुआ पवन (The Western Wind)
चादर दरियाँ दे बिछा, बैठाए मेहमान |
भाषण पूरा दे पिला, करवाए जलपान |
करवाए जलपान, क्लास सबकी लगवाये |
साहित्यिक बलवान, गीत ढपली पर गाये |
लेकिन ब्लॉगर-मीट, हुई कब ख़तम दुपहरिया |
पुरस्कार बँट गए, बटोरो चादर दरियाँ ||
मूंछों बिन रविकर
रविकर की मूंछे बड़ी, रोबदार थी मित्र |
देखी नत्थू सिंह ने, हालत किया विचित्र |
हालत किया विचित्र, मूँछ कटवाओ सारी |
खुद से दूँ क्या काट, निकाली तेज कटारी |
आई बनिया बुद्धि, गया में करूं विसर्जन |
रूपये सहित कटार, गया दे करके गर्जन ||
सुन्दर चर्चा सजा के, सुविधा करें प्रदान |
राज-नीति की खा-मियाँ, ठा 'ठा-करे' दिमाग |
ठा ठा-करे दिमाग, 'राज' चा-चा चर पागल |
मानवता पर दाग, कराये हरदिन दंगल |
रांची दो भिजवाये, निकालूँ गर्मी तनसे |
होता नहीं इलाज, लूटता है यह 'मनसे' |
दरिया होने का दम भरते तो है सनम, लेकिन डूबेगे अंजुरी भर पानी मे
DR. PAWAN K. MISHRAपछुआ पवन (The Western Wind)
चादर दरियाँ दे बिछा, बैठाए मेहमान |
भाषण पूरा दे पिला, करवाए जलपान |
करवाए जलपान, क्लास सबकी लगवाये |
साहित्यिक बलवान, गीत ढपली पर गाये |
लेकिन ब्लॉगर-मीट, हुई कब ख़तम दुपहरिया |
पुरस्कार बँट गए, बटोरो चादर दरियाँ ||
मूंछों बिन रविकर
रविकर की मूंछे बड़ी, रोबदार थी मित्र |
देखी नत्थू सिंह ने, हालत किया विचित्र |
हालत किया विचित्र, मूँछ कटवाओ सारी |
खुद से दूँ क्या काट, निकाली तेज कटारी |
आई बनिया बुद्धि, गया में करूं विसर्जन |
रूपये सहित कटार, गया दे करके गर्जन ||
मंगल वारीय चर्चा मंच ---(992)मन की मनसा मिट गयी, भरम गया सब टूट
सुन्दर चर्चा सजा के, सुविधा करें प्रदान |
पीते पानी छान के, पाठक चतुर सुजान |
पाठक चतुर सुजान, ज्ञान-विज्ञान समाहित |
परम्परा की गंग, करे हम सदा प्रवाहित |
उत्तम चर्चा-मंच, बोलता जय जय रविकर |
दिन प्रतिदिन का कर्म, होय सुन्दरतर सुन्दर |
बहुत देर में टूटा भरम
ReplyDeleteअच्छा हुआ टूट गया
दिल का खिलौना हाय
टूट गया तो टूट गया !
लिंक बडे मौजी है
ReplyDeleteमुझे शामिल करने का आभार
ये पूरी ज़मात करे ठाकों की किन्नर है भाई साहब .मुसलामानों को नहीं बिहारियों को गुंडा कह लेतें हैं आसानी से .कादर खान को जो ११/८ मुंबई में अमर जवान ज्योति को खंडित करता है जब महाराष्ट्र पुलिस उसे बिहार जाकर गिरिफ्तार करने की बात करती है तो मुख्य सचिव प्रलाप करतें हैं तुम ऐसा करके देखो तुम्हारे खिलाफ अपहरण का मामला बनाया जाएगा .ठाकरों में गर दम है मुसलामानों को गुंडा कह दिखलायें अन्दर हो जायेंगे चचा समेत जिनके वोट डालने के हक़ पे पहले ही पाबंदी है .ये मुल्क सेकुलर है भाई यहाँ मुंबई में आकर बिहार का मुसलमान जो करे उसे छूट है वह बिहारी हो जाता है .इन्हीं मुसलामानों के नाम पर नीतीश जी की नींद उड़ जाती है और प्रधान मंत्री तो तब भी रात भर करवट बदलते देखे गए इस मुल्क में जब एक ऑस्ट्रेलियाई डॉ आतंकी होने के शक में धर लिया गया था संयोग वह भी मुसलमान था .मुसलमान एक बड़ी चीज़ है इस देश में उसे कोई कुछ कह तो दिखाए नार्थ ईस्टियों का क्या है वह पूरबिए उत्तरी हैं बोले तो हिन्दू हैं .....जाएँ जहां जाना है ---जाएँ तो जाएँ कहाँ ,समझेगा कौन यहाँ ,दर्द भरे दिल की जुबां .....ये सेकुलर मुल्क है .....बने रहना है तो तुम भी सेकुलर हो जाओ .......
ReplyDeleteमन से भूखा मारका, पका लगा के आग |
राज-नीति की खा-मियाँ, ठा 'ठा-करे' दिमाग |
ठा ठा-करे दिमाग, 'राज' चा-चा चर पागल |
मानवता पर दाग, कराये हरदिन दंगल |
रांची दो भिजवाये, निकालूँ गर्मी तनसे |
होता नहीं इलाज, लूटता है यह 'मनसे' |
ये पूरी ज़मात करे ठाकों की किन्नर है भाई साहब .मुसलामानों को नहीं बिहारियों को गुंडा कह लेतें हैं आसानी से .कादर खान को जो ११/८ मुंबई में अमर जवान ज्योति को खंडित करता है जब महाराष्ट्र पुलिस उसे बिहार जाकर गिरिफ्तार करने की बात करती है तो मुख्य सचिव प्रलाप करतें हैं तुम ऐसा करके देखो तुम्हारे खिलाफ अपहरण का मामला बनाया जाएगा .ठाकरों में गर दम है मुसलामानों को गुंडा कह दिखलायें अन्दर हो जायेंगे चचा समेत जिनके वोट डालने के हक़ पे पहले ही पाबंदी है .ये मुल्क सेकुलर है भाई यहाँ मुंबई में आकर बिहार का मुसलमान जो करे उसे छूट है वह बिहारी हो जाता है .इन्हीं मुसलामानों के नाम पर नीतीश जी की नींद उड़ जाती है और प्रधान मंत्री तो तब भी रात भर करवट बदलते देखे गए इस मुल्क में जब एक ऑस्ट्रेलियाई डॉ आतंकी होने के शक में धर लिया गया था संयोग वह भी मुसलमान था .मुसलमान एक बड़ी चीज़ है इस देश में उसे कोई कुछ कह तो दिखाए नार्थ ईस्टियों का क्या है वह पूरबिए उत्तरी हैं बोले तो हिन्दू हैं .....जाएँ जहां जाना है ---जाएँ तो जाएँ कहाँ ,समझेगा कौन यहाँ ,दर्द भरे दिल की जुबां .....ये सेकुलर मुल्क है .....बने रहना है तो तुम भी सेकुलर हो जाओ ......
ReplyDeleteमंगलवार, 4 सितम्बर 2012
जीवन शैली रोग मधुमेह :बुनियादी बातें
जीवन शैली रोग मधुमेह :बुनियादी बातें
यह वही जीवन शैली रोग है जिससे दो करोड़ अठावन लाख अमरीकी ग्रस्त हैं और भारत जिसकी मान्यता प्राप्त राजधानी बना हुआ है और जिसमें आपके रक्तप्रवाह में ब्लड ग्लूकोस या ब्लड सुगर आम भाषा में कहें तो शक्कर बहुत बढ़ जाती है .इस रोगात्मक स्थिति में या तो आपका अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन हारमोन ही नहीं बना पाता या उसका इस्तेमाल नहीं कर पाता है आपका शरीर .
पैन्क्रिअस या अग्नाशय उदर के पास स्थित एक शरीर अंग है यह एक ऐसा तत्व (हारमोन )उत्पन्न करता है जो रक्त में शर्करा को नियंत्रित करता है और खाए हुए आहार के पाचन में सहायक होता है .मधुमेह एक मेटाबोलिक विकार है अपचयन सम्बन्धी गडबडी है ,ऑटोइम्यून डिजीज है .
फिर दोहरा दें इंसुलिन एक हारमोन है जो शर्करा (शक्कर )और स्टार्च (आलू ,चावल ,डबल रोटी जैसे खाद्यों में पाया जाने वाला श्वेत पदार्थ )को ग्लूकोज़ में तबदील कर देता है .यही ग्लूकोज़ ईंधन हैं भोजन है हरेक कोशिका का जो संचरण के ज़रिये उस तक पहुंचता रहता है ..
Nice post.
ReplyDeleteनख्ले जां को ख़ूं पिलाया उम्र भर
शाख़े हस्ती आज भी जाने क्यूं ज़र्द है
हिंदी ब्लॉगिंग की मुख्यधारा को संवारने के लिए अच्छे सुझाव.
शुक्रिया।