तुम्हारी गंध तुम्हारे रूप से अधिक भाती है !
संतोष त्रिवेदी
गंध गजब गजगामिनी, कर-काया कमनीय |
स्वाँस सरस उच्छ्वास में, हरदम यह करनीय |
हरदम यह करनीय, गले पर देख दुपट्टा |
पट्टा रविकर डाल, झूमता हट्टा कट्टा |
चाहत पाले एक, दर्श दे प्राण स्वामिनी |
यहीं कहीं हो पास, गंध गजब गजगामिनी ||
“कठिन है बिटिया की माँ होना” (चर्चा मंच-996)
रहो सदा यूँ साजते, गुरुवर चर्चा मंच |स्वास्थ्य बना उत्तम रहे, विनवत पाठक पञ्च |
विनवत पाठक पञ्च, कष्ट न रंचमात्र हो |
सृजनशीलता ख़ास, प्रभावी गीत पात्र हो |
बढे सदा सम्मान, सफलता की सीढ़ी पर |
कृपादृष्टि हो सदा, आज की इस पीढ़ी पर ||
NSG हीरो 'मानेश' (मुम्बई २६/११) को सरकारी चिकित्सा खर्च देने से इनकार जबकि आतंकवादी मदान को महंगी आयुर्वेदिक-स्पा की सुविधा
शर्मनाक वह दिन रहा, कटे शर्म से नाक ।
सैनिक को इनकार है, आतंकी की धाक ।
आतंकी की धाक, लगा धक्का है दिल को ।
बेदिल मंत्री रोज, डिगाते हैं मंजिल को ।
देते आयुर्वेद, नहीं नानी मर जाती ।
नहीं किसी को खेद, दुर्दशा हमें रुलाती ।।
है रो बो में खोट, नहीं कोयला चबाये -
कार्टून कुछ बोलता है- एक रोबोट क्या खा सकता है ?
पी.सी.गोदियाल "परचेत" at अंधड़ !
पन बिजली में आजकल, उत्तरांचल की चोट |
उत्तरांचल की चोट, ताप बिजलीघर आये |
है रो बो में खोट, नहीं कोयला चबाये |
दस जनपथ पर टहल, टहल करता है घर के |
बिजली रूपी कोल, तानता है भर भर के ||
‘लंगोटिया ब्लॉगिंग‘: परिभाषा, उपयोग और सावधानियां Hindi Blogging
अदना पदना ढेर हैं, हूँ उनमे से एक |सच्ची बात बताइये, नहीं रहे ना फेंक |
नहीं रहे ना फेंक, बड़ा ब्लॉगर है बनना |
मिले टिप्पणी चार, इन्हें सौ दो सौ करना |
रचता दस कुंडली, मगर पड़ता है पदना |
सुन्दर बढ़िया वाह, मिले यह भी न अदना ||
आज की टिप्पणियां यहाँ भी हैं -
सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteरचता दस कुंडली, मगर पड़ता है पदना |
सुन्दर बढ़िया वाह, मिले यह भी न अदना ||
आज हर तरफ़ ऐसा मौसम है कि ये हालात बन पड़े हैं।
बहुत सुंदर !
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