राम नाम सत्य है- जेठमलानीArunesh c dave
होता ना सीता हरण, वन में भी आराम ।
वन में भी आराम, समझता रावण साला ।
सीता का नहिं त्याग, नहीं यह युद्ध बवाला ।
दशरथ नारी भक्त, रही रावण की नाना ।
नारि सशक्तिकरण, रहे चुप जेठ मलाना ।। |
दीवाली पर (हास्य रचना )
Rajesh Kumari
अलबेला यह हास्य है, मीट मिठाई संग | साथ घडी आपात में, देख मिताई दंग | देख मिताई दंग, पेट पर लात पड़ी है | धरना धरे जुलुस, दशा पूरी बिगड़ी है | लड़ना भिड़ना बंद, देख कुदरत का खेला | भेजा बर्फी संग, बना जोड़ा अलबेला || |
किरीट सवैया ( S I I X 8 )
झल्कत झालर झंकृत झालर झांझ सुहावन रौ घर-बाहर ।
दीप बले बहु बल्ब जले तब आतिशबाजि चलाय भयंकर ।
दाग रहे खलु भाग रहे विष-कीट पतंग जले घनचक्कर ।
नाच रहे खुश बाल धमाल करे मनु तांडव हे शिव-शंकर ।।
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दीवाली का अर्थ है, अर्थजात का पर्व |
अर्थकृच्छ कैसे करे, दीवाले पे गर्व ||
अर्थजात = अमीर
अर्थकृच्छ =गरीब
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ऋता शेखर मधु
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देह देहरी देहरा, दो, दो दिया जलाय ।
कर उजेर मन गर्भ-गृह, कुल अघ-तम दहकाय ।
कुल अघ तम दहकाय , दीप दस घूर नरदहा ।
गली द्वार पिछवाड़ , खेत खलिहान लहलहा ।
देवि लक्षि आगमन, विराजो सदा हे हरी ।
सुख सामृद्ध सौहार्द, बसे कुल देह देहरी ।।
देह, देहरी, देहरा = काया, द्वार, देवालय
घूर = कूड़ा
लक्षि = लक्ष्मी
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बढिया लिंक्स
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति ..
ReplyDeleteप्रकाश पर्व के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहाँ !अपने भी मन में जलाना ,एक दीपक ज्ञान का ....प्रात : की चार्जिंग करती रचना .दिवाली मुबारक चर्चा मंच को समस्त ब्लॉग जगत को .
ReplyDeleteराम नाम सत्य है- जेठमलानी
Arunesh c dave
अष्टावक्र
लाना था सुपनखा को, व्याहना था हे राम ।
होता ना सीता हरण, वन में भी आराम ।
वन में भी आराम, समझता रावण साला ।
सीता का नहिं त्याग, नहीं यह युद्ध बवाला ।
दशरथ नारी भक्त, रही रावण की नाना ।
नारि सशक्तिकरण, रहे चुप जेठ मलाना ।।
क्या बात है रविकर जी बहुत अच्छी काव्य बंदिश ,बधाई ,अर्थ छटा बिखेरने को
"
" दशरथ नारी भक्त, रही रावण की नाना ।"
दिनेश जी ,आप मुझे अपने नंबर ईमेल कीजिये ,मै आपको फोन करके दीपावली की मुबारक बाद देना चाहता हूँ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteत्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteत्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!
अलबेला यह हास्य है, मीट मिठाई संग |
ReplyDeleteसाथ घडी आपात में, देख मिताई दंग |
देख मिताई दंग, पेट पर लात पड़ी है |
धरना धरे जुलुस, दशा पूरी बिगड़ी है |
लड़ना भिड़ना बंद, देख कुदरत का खेला |
भेजा बर्फी संग, बना जोड़ा अलबेला ||
रविकर जी कुंडली की धार दिनानुदिन मूल पोस्ट को पुष्ट कर रही है .बधाई .दीप मालिका की अपन्च पर्वों की .