फिजा डरावनी है लेकिन शहर है अमन का!
Amrendra Nath Tripathi
रिपोर्ट-''चन्दन श्रीवास्तव''
चन्दन जी की वन्दना, निष्पक्षता प्रणाम ।
विश्लेषण अतिशुद्ध है, ना रहीम ना राम ।
ना रहीम ना राम, जिले में आग लगा दी ।
कभी नहीं जो काम, कर गई यह आजादी ।
चेतो हे अखिलेश, रोकिये ऐसा क्रंदन ।
सान रहे ये खून, रही मिट्टी जो चन्दन ।।
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व्यंगकार का खुब चले, कहते लोग दिमाग | प्लाट ढूँढ़ ना पा रहा, चला गया या भाग | चला गया या भाग, फैसला कर लो पहले | घरे बोलती बंद, पड़े नहले पे दहले | दहले मोर करेज, यहाँ तो मन की बक लूँ | कंकड़ लेता निगल, कहाँ फिर जाकर उगलूं ?? |
चीखा चावल चना ज्यों, चीखा जोर लगाय |
पत्नी घबराई नहीं, खड़ी खड़ी मुसकाय | खड़ी खड़ी मुसकाय, कहे है ना डिश धांसू | रहा दर्द से रोय, दिखें नहिं रविकर आंसू | दीदा दो दो लिए, किन्तु कंकड़ नहिं दीखा | दे बत्तीसी तोड़, कहे यूँ क्योंकर चीखा || |
बहिष्कार करते हैं हम बाल-दिवस पर नेहरू के नाम का..
ZEAL
आक्रोशित जन गन दिखे, बाल दुर्दशा देख ।
यहाँ कुपोषण विभीषिका, छपे वहां आलेख ।
छपे वहां आलेख, बाल बंधुआ मजदूरी ।
आजादी तो मिली, किन्तु अब भी मजबूरी ।
उत्सव का उद्देश्य, इन्हें अब करिए पोषित ।
वो ही चाचा असल, हुवे जो हैं आक्रोशित ।।
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आकांक्षा सपने सकल, भर लें सफल उड़ान |
मंजिल पर पहुंचे सही, काट सभी व्यवधान || |
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Kirti Vardhan
सुबह देखता जब तुम्हें, नींद जा रही भाग ।
अलबेली तू जिंदगी, भरी बर्फ सह आग ।
भरी बर्फ सह आग, पिघलती मद्धिम जाए ।
करे कर्म अटपटे, आग धीमी दहकाए ।
रविकर दर्शन पाय, धूप में देह सेकता ।
अनुभव बढ़ता जाय, दुबारा सुबह देखता ।।
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अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)गीतकातिक मास अमावस की ,रजनी सजनी रहि दीप जलाखावत है पकवान, नहीं मन की पढ़ता सजना पगला बोल थके नयना कजरा ,अँचरा कुछ भी नहि जोर चला फूल झरी मुरझाय चली, नहि बालम का हिरदे पिघला ||
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मीत समीप दिखाय रहे कुछ दूर खड़े समझावत हैं
बूझ सकूँ नहिं सैन सखे तब हाथ गहे लइ जावत हैं । जाग रहे कुल रात सबै, हठ चौसर में फंसवावत हैं । हार गया घरबार सभी, फिर भी शठ मीत कहावत हैं ।।
डोरे डाले आज फिर, किन्तु जुआरी जात ।
गृह लक्ष्मी करती जतन, पर खाती नित मात । पर खाती नित मात, पूजती लक्षि-गणेशा । पांच मिनट की बोल, निकलता दुष्ट हमेशा । खेले सारी रात, लौटता बुद्धू भोरे । जेब तंग, तन ढील, आँख में रक्तिम डोरे ।।
एक लगाता दांव पर, नव रईस अवतार ।
रोज दिवाली ले मना, करके गुने हजार ।। लगा टके पर टकटकी, लूँ चमचे में तेल । माड़-भात में दूँ चुवा, करती जीभ कुलेल । करती जीभ कुलेल, वहाँ चमचे का पावर । मिले टके में कुँआ, खनिज मोबाइल टावर । दीवाली में सजा, सितारे दे बंगले पर । भोगे रविकर सजा, लगी टकटकी टके पर ।। |
ReplyDeleteचन्दन जी की वन्दना, निष्पक्षता प्रणाम ।
विश्लेषण अतिशुद्ध है, ना रहीम ना राम ।
ना रहीम ना राम, जिले में आग लगा दी ।
कभी नहीं जो काम, कर गई यह आजादी ।
चेतो हे अखिलेश, रोकिये ऐसा क्रंदन ।
सान रहे ये खून, रही मिट्टी जो चन्दन ।।
बहुत बहुत सटीक टिपण्णी घटना क्रम पर .
ReplyDeleteचन्दन जी की वन्दना, निष्पक्षता प्रणाम ।
विश्लेषण अतिशुद्ध है, ना रहीम ना राम ।
ना रहीम ना राम, जिले में आग लगा दी ।
कभी नहीं जो काम, कर गई यह आजादी ।
चेतो हे अखिलेश, रोकिये ऐसा क्रंदन ।
सान रहे ये खून, रही मिट्टी जो चन्दन ।।
बहुत बहुत सटीक टिपण्णी घटना क्रम पर .
अरे भाई साहब ये अखिलेश्वा सेकुलर मुलायम अली के बेटे हैं .और मुलायम अली इनके नेता हैं ऐसे में अमन चैन को पिछली सीट ही
मिलती है .ये सेकुलर जादे जो करादें सो कम .
आतिशबाजी पर काव्यात्मक आतिशबाज़ी ने मन मोह लिया दोनों तीनों पक्षों के काव्य मर्मज्ञ समझाते रहे -ठीक नहीं है हवा पानी मिट्टी ,खुद हमारी काया के लिए आतिशबाजी
ReplyDeleteवाह ... बेहतरीन
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ReplyDeleteख्वाब तुमसे ही तो बनते हैं, ऐ मेरे मन
उड़ान भरने दो मन को, मन हो जितनी ।
प्रस्तुतकर्ता Dr. sandhya tiwari पर 7:42 am कोई
करामाती इस्तेमाल किया है मन शब्द का ,बधाई
आकांक्षा सपने सकल, भर लें सफल उड़ान |
मंजिल पर पहुंचे सही, काट सभी व्यवधान ||
काव्य सौन्दर्य के नए प्रतिमान नित बुनते रविकर जी सलामत रहें .
गर गंधक तेज़ाब, नहीं सह पाती आँखे ।
ReplyDeleteकरे इंडस्ट्री बंद , सूत तकली से कातें |
एक दिवस में भला , कहाँ हो पाय प्रदूषण,
नित गंधक-तेज़ाब, कर रहे खूब प्रदूषण |
एक जरूरी रिपोर्ट को विस्तार देने के लिए आपका शुक्रिया रविकर जी!
ReplyDeleteसटीक टिप्पणियाँ,,,
ReplyDeleteरविकर जी, जहां मेरा नाम है वहाँ ''चन्दन श्रीवास्तव'' का नाम से दें तो बेहतर होगा, क्योंकि रिपोर्ट उन्हीं के सौजन्य से है. इसलिए यह श्री भी उन्हीं को मिलना चाहिए!
ReplyDeleteश्री को *श्रेय पढ़ें, सुधार!
ReplyDeleteश्री को *श्रेय पढ़ें, सुधार!
ReplyDeleteलाजवाब प्रस्तुति!
ReplyDeleteभइयादूज की हार्दिक शुभकामनाएँ!
वाह जी बढ़िया संकलन है
ReplyDeleteधन्यवाद मुझे लिंक-लिखाड़ में शामिल करने के लिए ...........बहुत सुन्दर लिंक्स संकलन ........
ReplyDeleteएक से बढ़कर कर एक प्रस्तुति वाह लाजवाब अति सुन्दर.
ReplyDeleteचुनी लिंक्स में मुझे सम्मिलित करने हेतु आभार!
ReplyDeleteGreat links...Thanks Dinesh ji
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