Wednesday, 28 November 2012

हार हार हुल्लड़ हटकु, हरदम हाहाकार-




कॉंग्रेस महाचोर है सबूत ये रहे (मोदी को बदनाम करने का षड्यंत्र)

SACCHAI 
 AAWAZ  

कांगरेस की डूबती, लुटिया बारम्बार ।
हार हार हुल्लड़ हटकु, हरदम हाहाकार ।
हरदम हाहाकार, मौत का कह सौदागर ।
बढ़ा गई सोनिया, विगत मोदी का आदर ।
तरह तरह के चित्र, बिगाड़ें इमेज देश की ।
शत्रु समझ गुजरात, चाल अघ कांगरेस की ।।







 विचार 
देश भक्ति के नाम पर, भाषण यह उत्कृष्ट |
विंस्टन चर्चिल दाद दें, अंकित स्वर्णिम पृष्ट |
अंकित स्वर्णिम पृष्ट, मरा था कर्जन वायली |
पर गांधी की दृष्टि, धींगरा व्यर्थ हाय ली |
सत्य अहिंसा थाम, काम कर गए शक्ति के |
राष्ट्रपिता का नाम, देवता देशभक्ति के ||


ब्लॉग परिचय ''यादें ''

आमिर दुबई  

आदरणीय अशोक जी, कहें सलूजा सा'ब ।
यादें इनका ब्लॉग है, पढ़ते गजल जनाब ।
पढ़ते गजल जनाब, बड़े जिंदादिल शायर ।
कंकड़ पत्थर बीच, दीखते आप *सफायर ।।
स्वस्थ रहें सानंद, बधाई देता रविकर ।
शानदार हर शेर, नौमि करता हूँ सादर ।।  
*नीलम  

 जन -नानक

udaya veer singh 
सादर नमन रविकर करे, होवे प्रकाशित आत्मा |
विश्व से अघ-तम मिटे, शैतान का हो खात्मा ||
 Akanksha
हुई सयानी जब सुता, जगी सयानी मातु |
साम दाम फिर दंड से, बात सही समझातु ||


किस कांग्रेस पर गर्व करते हैं मनीष तिवारी ?

Virendra Kumar Sharma 
 मिले ब्रितानी को ख़ुशी, ह्युम ढालते ढाल |
सत्तावन की मार से, जो बिगड़े थे हाल |
जो बिगड़े थे हाल, गाल नहिं आज बजाओ |
छद्म गान्धि-सन्तान,चाट तलुवे सहलाओ |
भला करे भगवान्, गर्म दल की नहिं सानी |
अधिवेशन अमृतसर, हुवे सीधे ब्रितानी | 


अपने मुंह मिट्ठू बने, मंत्री मियां मनीष ।
करवा कत्ले-आम अघ, आम आदमी पीस ।
आम आदमी पीस, झेलते आम-शूल हैं ।
कर ले जलसे-आम, किन्तु यह आम-भूल है ।
निश्चित तेरी मौत, काठियावाड़ी घोडा -
मरेगा इक लात, नजर नहीं आय भगोड़ा ।।  

ZEAL 
 ZEAL  
कहती है कटु-सत्य नित, बुरा भला बिलगाय |
ऐसी ही यह डाक्टर, बनता लौह सुभाय |
बनता लौह सुभाय, चलाये बरछी भाला |
देती झट से फाड़, कलेजा काटे काला |
करे तार्किक बात, विषय की आत्मा गहती |
देती हटकु परोस, बात दिल से है कहती ||

ब्रजघाट से हल्द्धानी वाया मुरादाबाद ,रामपुर ,रूद्रपुर

MANU PRAKASH TYAGI  
केले खा कर चल रहे, दिया कैमरा त्यागि  ।
फिर भी फोटो जो दिखे, मनु को चंगे लागि ।।

नैन लगे उस पार

आशा जोगळेकर  
स्व प्न रं जि ता
यमुना बैरिन क्यूँ हुई, मथुरा बसते श्याम ।
विरह वियोगिन बन पड़ी, छूटे काम तमाम ।। 

दाम्पत्य जीवन के आठ वर्ष

KK Yadav  
वर्ष-गाँठ आई सुखद, *आठ-गाँठ-कुम्मैद |
मस्त रहें आठो पहर, इक दूजे में कैद |

इक दूजे में कैद, किन्तु दुनिया भी घूमें |
बने बच्चियां श्रेष्ठ, पताका नभ को चूमे |

नौ रविकर कर नौमि, हुआ है तन मन गदगद |
शुभकामना असीम, वर्ष-गाँठ आई सुखद ||

*सर्व-गुण-संपन्न |


जी संपादकों की समझदारी बढ़ी होगी

रणधीर सिंह सुमन 

सुनी सुनाई पर सदा, करते थे एतबार ।
सत्ता-डंडा जोड़ दो, हो कितना खूंखार ।
हो कितना खूंखार, निखर कर यह आयेंगे ।
जिंदल मुर्दल सीध, सभी तब हो जायेंगे ।
क्राइसिस पर अफ़सोस, मगर हिम्मत रख भाई ।
तनिक मीडिया दोष, करे क्यूँ सुनी सुनाई ।। 

तीन मछलियाँ (काव्य-कथा)

Kailash Sharma 

तीन मछलियों की कथा, देती  हमें सिखाय |
बुद्धि लगाओ स्वयं या, लो दूजे की राय ||

5 comments:

  1. Gajab ke comments hain Dinesh ji.

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  2. लाज़वाब काव्य-टिप्पणियां....

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  3. रविकर जी आप कमाल करते हैं सेट
    लिखते जिसे हम पन्नों में,
    आप चार लाइनों में देते हैं समेट।
    अद्भुत है आपका यह जतन!
    आपकी इस प्रतिभा को नमन!!

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  4. आपने जो ऊपर किसी 'सच्चाई' साहब का लिंक दिया है, जब मैंने वहां कमेन्ट दिया तो उन्होंने हटा दिया, तर्क के साथ बातें तो यह लोग कर ही नहीं सकते हैं ना इसलिए।

    मेरा कमेन्ट था





    भाजपा तथा भाजपा को पसंद करने वाले पत्रकार आजकल चिल्ला-चिल्ला कर गुजरात कांग्रेस के विज्ञापनों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं कि उसमें श्रीलंका और अमेरिका की फोटो दिखाई गई हैं. क्या ऐसा होता है कि किसी विज्ञापन में काम करने वाले मॉडल असल जिंदगी में वैसे ही हों?

    किसी विज्ञापन में गरीब बच्चे दिखाए जाते हैं तो क्या इसका मतलब वह बच्चे असल जिंदगी में भी गरीब ही होने चाहिए? अगर किसी लड़की को राजकुमारी दिखाया जाता है तो क्या वह असल जिंदगी में भी राजकुमारी ही होनी चाहिए?

    विज्ञापन के किसी फोटो से उसकी गुणवत्ता का निर्धारण नहीं होता है.

    गुजरात की वर्तमान सरकार के एक विज्ञापन में एक मुस्लिम लड़की........


    मोदी का नकारात्मक प्रचार

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