महामारी के समय की गई सेवा
मनोज कुमार at विचार
मिट्टी की पट्टी करे, जहाँ रोग उपचार |
गांधी जी का शुद्ध चित्त, ठीक करे बीमार |
गांधी जी का शुद्ध चित्त, ठीक करे बीमार |
ठीक करे बीमार, स्वयं भी रहे निरोगी |
उदाहरण ना अन्य, मिलें ना ऐसे योगी |
बड़ा भयंकर प्लेग, जहाँ गुम सिट्टी-पिट्टी |
गई व्यवस्था भाग, वहाँ बापू की मिट्टी ||
आशा जोगळेकर at स्व प्न रं जि ता
नन्हा मुन्हा प्यारा छौना ।
थपकी दे माथा सहलाती
लोरी गाती दूध पिलाती
सूखे में सरकाती जाती -
भीगा माँ का रहे बिछौना ।
मैं माँ का अनमोल खिलौना ।।
पुत्र दिवस
मैं माँ का अनमोल खिलौना ।नन्हा मुन्हा प्यारा छौना ।
थपकी दे माथा सहलाती
लोरी गाती दूध पिलाती
सूखे में सरकाती जाती -
भीगा माँ का रहे बिछौना ।
मैं माँ का अनमोल खिलौना ।।
महिलाओं के मानसिक तनाव से जुड़ा है उनका हृदय-रोग
कुमार राधारमण at स्वास्थ्यजीवित रचनाएं रचें, संस्कार से साज ।
वर्ष बीस-पच्चीस में, निपटाएं सब काज ।
निपटाएं सब काज, फ्री होकर के बैंठी ।
मियाँ निखट्टू पास, रहें दिनभर वो ऐंठी ।
उनका टेंसन एक, मियां दिन मस्त बिताये ।
दिल बेहद मजबूत, सदा पति को हडकाए ।।
नैतिक मूल्य ज़रूरी हैं।
ReplyDeleteउनका टेंसन एक, मियां दिन मस्त बिताये ।
ReplyDeleteदिल बेहद मजबूत, सदा मनवा भरमाये ।।
बहुत बढ़िया,......
अच्छा है बीबी नहीं पढ़ती |
Deleteनहीं तो बेहिसाब पड़ती ||
बहुत बढ़िया,......
ReplyDeleteसुंदर !
ReplyDeleteसारी बीबीयाँ अपने शौहरों को पढ़ती हैं
गलतफहमी में ना रहें ।