Thursday, 10 May 2012

बहुत बहुत आभार है, रविकर हर्ष अपार-

आँच- 108 - रविकर की रसीली जलेबियाँ - रक्त-कोष की जिम्मेदारी नर-पिशाच के जिम्मे आई

हरीश प्रकाश गुप्त at मनोज - 6 hours ago


बहुत बहुत आभार है, रविकर हर्ष अपार ।
करता सादर वन्दना, चिन्हित बिंदु सुधार ।।
सुधार के  बाद 

तुष्टीकरण पर सुप्रीम कोर्ट की चोट

lokendra singh rajput at अपना पंचू - 4 hours ago

काँख रेस में काँखता, सारा हिन्दुस्तान |
सांस फूलती काँख में, पॉलिटिक्स परवान | 

पॉलिटिक्स परवान, गलतियां करते जाएँ |
दे दे के अनुदान, काँख में भरते जाएँ |

करे देश का अहित, धूर्तता कांगरेस में |
बहुसंख्यक दुत्कार, लगा सब काँख रेस में ||


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मुँह देखे की दोस्ती , अक्सर जाए छूट |
मुँह-फट मुख-शठ की भला, कैसे रहे अटूट |

कैसे रहे अटूट, द्वेष स्वारथ छल शंका |
डालें झटपट फूट, बजाएं खुद का डंका |

दोस्त नियामत एक, होय ईश्वर की रहमत |
मिले ब्लॉग पर आय, दोस्ती रहे सलामत ||


आज मुझे गाने दो,...

dheerendra at काव्यान्जलि ... - 9 hours ago
 
मस्त कोकिला सी मधुर,  बही सरस स्वर-धार |
साधुवाद हे कवि-हृदय, बार-बार आभार |

बार-बार आभार, चाँद धरती पर आया |
टूटे बंधन-रीत, प्यार से धीर मिलाया |

रविकर पढ़कर मस्त, गीत क्या खूब रचाया |
कोटि कोटि परनाम,  शारदे माँ  की माया |

8 comments:

  1. आज से ब्लॉग जगत के सर्वश्रेष्ठ आशुकवि का खिताब आपका!

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    1. रविकर की जीवन में, आज का दिन विशेष महत्व का है -
      आज ही माननीय हरीश जी गुप्त ने मेरी कविता को "आंच" में शामिल किया -
      और आज पहली मर्तबा आपका यह अलंकरण |
      अहोभाग्य -
      पहला प्रकाशन
      और पहला अलंकरण |
      आभारी हूँ ||
      सादर ||

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  2. रविकर पढ़कर मस्त, गीत क्या खूब रचाया |
    कोटि कोटि परनाम, शारदे माँ की माया |

    ब्लॉग जगत के सर्वश्रेष्ठ आशुकवि खिताब के वाकई आप हकदार है,इसमें कोई शक नही,....

    मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार,....रविकर जी,...

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  3. पोस्ट मे दम है.
    आपका स्वागत है.

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  4. बहुत कमाल की टिप्पणियाँ. सभी दोहे बेहतरीन...बधाई.

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  5. सभी दोहे बहुत अच्छे हैं.....बधाई...आभार .रविकर जी,...

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  6. दिल में मचलते हैं
    फुदक फुदक कर
    निकलते हैं विचार
    शब्दों का आकार
    करते हैं साकार
    इस तरह सरकार।

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  7. समीक्षा हमने भी पढ़ी 'आंच
    ' पर टिपियाए भी हैं.
    सावधान :पूर्व -किशोरावस्था में ही पड़ जाता है पोर्न का चस्का
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/


    पॉलिटिक्स परवान, गलतियां करते जाएँ |
    दे दे के अनुदान, काँख में भरते जाएँ |

    करे देश का अहित, धूर्तता कांगरेस में |
    बहुसंख्यक दुत्कार, लगा सब काँख रेस में ||
    कांख रेस को गुरियाए भी हैं .
    बधाई .

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