Monday, 7 May 2012

लेता पुत्र बचाय, गला बस पुत्री चापा-

मेरे पापा .. तुम्हारे पापा से भी बढ़कर हैं-a short story

शिखा कौशिक at भारतीय नारी  

उपज घटाता जा रहा, जहर कीट का बीट |
ज्वार खेत को खा रहा, *पापा नामक कीट |
*ज्वार-बाजरा में लगने वाला एक कीड़ा, जो उपज नष्ट कर देता है ।


पापा नामक कीट, कीटनाशक से बचता |
सबसे ज्यादा ढीठ, सदा नंगा ही नचता |

रविकर बड़ा महान, किन्तु मेरा जो पापा |
लेता पुत्र बचाय,  गला बस पुत्री चापा ||
(व्याज-स्तुति )

उफ़ यह अकेलापन!

noreply@blogger.com (Arvind Mishra) at क्वचिदन्यतोSपि
चलो एकला मन्त्र है, शक्तिमान भरपूर |
नवल-मनीषी शुभ-धवल, सक्रिय जन मंजूर |


सक्रिय जन मंजूर, लोक-कल्याण ध्येय है |
पर तनहा मजबूर, जगत में निपट हेय है | 


उत्तम किन्तु विचार, बने इक सुघड़ मेखला |
सबका हो परिवार, चलो मत प्रिये  एकला |  

वर्चुअल दोस्ती के ख़तरे...

नुक्कड़ 
दद्दा दहलाओ नहीं, दादुर दिल कमजोर |
इक छोटे से कुँवें में, होता रहता बोर |


होता रहता बोर, ताकता बाहर थोड़ा |
सर्प ब्लॉग पर देख, भाग कर छुपे निगोड़ा |


चंचल मन का चोर, कनखियाँ तनिक मारता |

करता किन्तु 'विनाश', खेल तू चला भाड़ता ||  

अज्ञानता और परमानंद

Sushil
"उल्लूक टाईम्स " -

विज्ञानी सबसे दुखी, कुढ़ता सारी रात । 
हजम नहीं कर पा रहा, वह उल्लू की बात ।

वह उल्लू की बात, असलियत सब बेपर्दा ।
है उल्लू अलमस्त, दिमागी झाडे गर्दा ।
 
आनंदित अज्ञान, बहे ज्यों निर्मल पानी ।
बुद्धिमान इंसान, ख़ुशी ढूंढे विज्ञानी ।।

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर...

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  2. नायब पोस्ट |

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  3. पता था केवल विद्वान ही आयेगा
    अज्ञानी का परमानंद लाकर अपने
    बोर्ड पर चिपका ले जायेगा ।

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  4. रविकर बड़ा महान, किन्तु मेरा जो पापा |
    लेता पुत्र बचाय, गला बस पुत्री चापा ||बहुत सटीक और व्यापक है इस पोस्ट का कलेवर कई ब्लोगिया रंग समेटे .बधाई .
    कृपया यहाँ भी पधारें -http://veerubhai1947.blogspot.in/
    मंगलवार, 8 मई 2012
    गोली को मार गोली पियो अनार का रोजाना जूस

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