Tuesday, 29 May 2012

हुलकी आवैं !!


हुलकी जिसे कहते हैं ...!




हुलकी जैसे शब्द के, भारी भारी अर्थ |
प्रान्तों का कर के भ्रमण, पहुँच गए हम पर्थ |

पहुँच गए हम पर्थ, अर्थ जो रविकर भाये |
ताक-झाँक में मस्त, नजर कुछ सुन्दर आए |

लेख लगे गंभीर,चुटकियाँ हल्की-फुलकी |
चले अली के तीर, कभी ना आवैं हुलकी ||

7 comments:

  1. वाह ..बधाई स्वीकारें

    नीरज

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  2. रविकर जी ,
    पहले भी कहा , जैसा सुना उससे बेहतर पाया ! इसे फालो कर ले रहा हूं !

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  3. आयेगी आयेगी किसी को तुम्हारी याद भी आयेगी ।

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  4. 'हुलकी आवैं' बचपने में सुनता था.....आज अली साब ने याद दिलाया !

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  5. आपका भी जबाब नहीं है ..सादर बधाई और आमंत्रण के साथ

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  6. वाह...!
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

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