अंदाज ए मेरा: ‘यार, ये एलेक्स तो बड़ा मतलबी निकला...!’
Atul Shrivastava at Blog News -
जान बची तो लाख उपाया, लौट कलेक्टर घर को आये |
अहमद किशन बड़े अहमक थे, बिन मतलब के जान गँवाए |
इलेक्स रिलेक्सिंग बंगले में अब, नक्सल बैठे घात लगाए -
किसको फुरसत है साहब जी, मौत पे उनके अश्रु बहाए ||
बेमतलब है नीति नियम सब, नीयत में ही खोट दिखाए |
एक तरफ है ढोल नगाड़े, दूजी तरफ मर्सिया गाये |
अहमद किशन शहीद हुए पर, सरकार पुन: छलनी कर जाए |
उनके दो परिवार दुखी हैं, इन गदहों को कौन बताये ||
बढ़िया सामग्री अगर, खाद्य-खूद्य दिख जाय ।.
मन के चंचल बहुत से, टट्टू दौड़ लगाय ।.
टट्टू दौड़ लगाय, हरे चश्मे को छोडो ।.
इक लंबा सा बांस, सही तांगे में जोड़ो ।.
बांस हरेरी टांग, सुंघा दो घोड़ा अड़िया ।.
फिर ताकतवर टांग, दौड़ दौड़ेगा बढ़िया ।।.
अग्नि बाण का मरहम
श्रद्धा-भक्ति-समर्पण,
बाबा की भस्म भभूती
प्रभु दर्शन मन-दर्पण ।
तर्क कसौटी कसना
ऊपर की कृपा बरसना ।
कैटरपिलर से कविता -
तन मन में रचना बसना ।।
मन के चंचल बहुत से, टट्टू दौड़ लगाय ।.
टट्टू दौड़ लगाय, हरे चश्मे को छोडो ।.
इक लंबा सा बांस, सही तांगे में जोड़ो ।.
बांस हरेरी टांग, सुंघा दो घोड़ा अड़िया ।.
फिर ताकतवर टांग, दौड़ दौड़ेगा बढ़िया ।।.
फ़ुरसत में ... 101 : कीड़े, कविता और कृपा
मनोज कुमार at मनोजअग्नि बाण का मरहम
श्रद्धा-भक्ति-समर्पण,
बाबा की भस्म भभूती
प्रभु दर्शन मन-दर्पण ।
तर्क कसौटी कसना
ऊपर की कृपा बरसना ।
कैटरपिलर से कविता -
तन मन में रचना बसना ।।
अहमद किशन शहीद हुए पर, सरकार पुन: छलनी कर जाए |
ReplyDeleteउनके दो परिवार दुखी हैं, इन गदहों को कौन बताये ||
सटीक टिप्पणी ,...
बहुत सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति // बेहतरीन रचना //
MY RECENT POST .....फुहार....: प्रिया तुम चली आना.....
बहुत खूब।
ReplyDeleteआभार
लिंक्स को लेकर बहुत बढ़िया प्रस्तुति ..
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