Blog Weather Report - मौसम का हाल, मो सम की ज़ुबानी
संजय @ मो सम कौन ? at मो सम कौन कुटिल खल ...... ? -
इक कंकड़ रख सड़क पर, एम् वी ठोकर मार |
कितने फुट जाता खिसक, खेलें साथी चार |
खेलें साथी चार, धार की महिमा गाते |
मिलकर सारे यार, अधिकतम पांच बढाते |
रविकर आता बाप, डांट कर उन्हें भगाता |
खेल खेल में सात, फीट वह खुद सरकाता ||
कैंसर रोगसमूह से हिफाज़त करता है स्तन पान .
देह सौष्ठव की तरफ, अधिक दे रही ध्यान ।
अमृत से महरूम है, वह नन्हीं सी जान ।
वह नन्हीं सी जान, मान ले मेरा कहना ।
स्तन-पान संतान, करे जो तेरा बहना ।
शिशू निरोगी होय, घटे कैंसर के खतरे ।
बाढ़े शाश्वत प्रेम, नहीं बीमारी पसरे ।|
भुक्खड़ को क्या चाहिए, बस बढ़िया पकवान |
सॉरी तो क्या चीज है, ले लो सारी जान ||
6 Tips to say "I Am Sorry"
D!P!X at The Art of Living
भुक्खड़ को क्या चाहिए, बस बढ़िया पकवान |
सॉरी तो क्या चीज है, ले लो सारी जान ||
तुम आ गये मोहन
वन्दना at ज़ख्म…जो फूलों ने दिये
लीला कृष्णा की गजब , रानी-गोपी भक्त ।
पहुंचें प्रेम पुकार पर, बिना गँवाए वक्त ।।
आपका खेल
प्रतुल वशिष्ठ at दर्शन-प्राशन
गैला पर जब तक चले, पहिया ऐ मनमीत ।गाडी फंसने से बचे, मिले अंत में जीत ।
मिले अंत में जीत, प्रीत की कविता गाओ ।
घूंसों से भयभीत, हुवे क्यूँ मीत बताओ ।
करता प्रभु से विनय, होय निर्मल जो मैला ।
गाडी चलती जाय. मिलेगा उनका गैला ।।
मीठा पानी झील का, देता प्यास बुझाय ।
खारे अश्रू जो पिए, झलक तनिक दिखलाय ।।
वो आँखें अब भी देखतीं हैं मुझे.......
मीठा पानी झील का, देता प्यास बुझाय ।
खारे अश्रू जो पिए, झलक तनिक दिखलाय ।।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति,प्रभावित करती सुंदर टिप्पणी ,.....
ReplyDeleteMY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....
बहुत ही बढि़या ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति......
ReplyDeleteउम्दा !!
ReplyDeleteरोचक रचना..लाल रंग का उपयोग आँखों को चुभता है...
ReplyDeleteनीरज
भावपूर्ण टिप्पणियाँ |
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति |
आशा