मतदाता , मालिक या माली ?
S.N SHUKLA at काल चिंतनमतदाता दाता नहीं, केवल एक प्रपंच |
एक दिवस के वास्ते, मस्का मारे मंच |
मस्का मारे मंच, महा-मुश्किल में *मालू |
इसका क्या विश्वास, बिना जड़ का अति-चालू |
माली बनकर छले, खले मालिक मदमाता |
मालू जाय सुखाय, मिटे मर मर मतदाता ||
*लता
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है रविकर जी .
ReplyDeleteमाली बनकर छले, खले मालिक मदमाता |
मालू जाय सुखाय, मिटे मर मर मतदाता ||
आलू की मानिंद बिकें नित नित मतदाता
वाह ,,,, बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,,
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