Sunday, 20 May 2012

प्रिये प्राण पर पाय, प्राण-प्रिय बुरी गती की-

"वट सावित्री"


श्रीमती की बात से , बाढ़े मन अनुराग |
वट-सावित्री की कथा, बाग़-बाग़ बड़-भाग |

बाग़-बाग़ बड़-भाग, छुडा कब्जे से यम के |
सावित्री का तेज, माँग में दुति-सम दमके |


प्रिये प्राण पर पाय, प्राण-प्रिय बुरी गती की |
मुट्ठी रखे दबोच, भयंकर श्रीमती की ||

3 comments:

  1. लगता है आप भी कहीं पूजे जा रहे थे
    इसी लिये पूजा करने नहीं आ रहे थे।

    आभार !!

    ReplyDelete
  2. बहुत खूब गढ़ा है शिल्प अनुप्रासिक छटा बिखेरता .

    बाग़-बाग़ बड़-भाग, छुडा कब्जे से यम के |
    सावित्री का तेज, माँग में दुति-सम दमके
    कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    http://veerubhai1947.blogspot.in/
    रविवार, 20 मई 2012
    कब असरकारी सिद्ध होता है एंटी -बायटिक : ये है बोम्बे मेरी जान (तीसरा भाग ):

    ReplyDelete