टिपण्णी जब जब हम करे गायब वह हो जाय इसका करो उपाय कविवर कुछ तो करो उपाय .बहुत खूब .फिर सीता के पास छटा सेन्स भी रहे है .इसका करो इस्तेमाल .
" टिपण्णी " सर ये गलत है।टिप्पणी ऐसे लिखी जाती है..
सुनो बड़ों की सीख, ठीक पहचानो रावणखींचो खुदकी रेख, कहाँ ले खींचे लक्ष्मण,,,,बहुत खूब,,,विजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,RECENT POST...: विजयादशमी,,,
खुद रावण पहचान, नहीं ये तृण से डरतामर्यादा को भूल, हवस बस पूरी करता आज का हैवान ये बाते पूरी करता ,इसीलिए कहता मैं नहीं किसी से डरता .बहुत सही कहा रविकर जी
अच्छी रचना,बहुत सुंदर
सुंदर !
बहुत खूब सर बेहतरीन उम्दा रचना
रविकर सर कृप्या यहाँ http://bloggers-word.blogspot.in/ भी पधारें।
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
टिपण्णी जब जब हम करे गायब वह हो जाय
ReplyDeleteइसका करो उपाय कविवर कुछ तो करो उपाय .
बहुत खूब .फिर सीता के पास छटा सेन्स भी रहे है .इसका करो इस्तेमाल .
टिपण्णी जब जब हम करे गायब वह हो जाय
ReplyDeleteइसका करो उपाय कविवर कुछ तो करो उपाय .
बहुत खूब .फिर सीता के पास छटा सेन्स भी रहे है .इसका करो इस्तेमाल .
" टिपण्णी " सर ये गलत है।
Deleteटिप्पणी ऐसे लिखी जाती है..
सुनो बड़ों की सीख, ठीक पहचानो रावण
ReplyDeleteखींचो खुदकी रेख, कहाँ ले खींचे लक्ष्मण,,,,बहुत खूब,,,
विजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,
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खुद रावण पहचान, नहीं ये तृण से डरता
ReplyDeleteमर्यादा को भूल, हवस बस पूरी करता
आज का हैवान ये बाते पूरी करता ,
इसीलिए कहता मैं नहीं किसी से डरता .
बहुत सही कहा रविकर जी
अच्छी रचना,
ReplyDeleteबहुत सुंदर
सुंदर !
ReplyDeleteबहुत खूब सर बेहतरीन उम्दा रचना
ReplyDeleteरविकर सर कृप्या यहाँ http://bloggers-word.blogspot.in/ भी पधारें।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
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