Wednesday, 24 October 2012

खींचो खुदकी रेख, कहाँ ले खींचे लक्ष्मण


File:Ravi Varma-Ravana Sita Jathayu.jpgलक्ष्मण रेखा लांघती, लिए हथेली जान
बीस निगाहें घूरती, खुद रावण पहचान 

खुद रावण पहचान, नहीं ये तृण से डरता
मर्यादा  को  भूल, हवस बस पूरी  करता 


सुनो बड़ों की सीख, ठीक पहचानो रावण
खींचो खुदकी रेख, कहाँ ले खींचे लक्ष्मण

10 comments:

  1. टिपण्णी जब जब हम करे गायब वह हो जाय

    इसका करो उपाय कविवर कुछ तो करो उपाय .

    बहुत खूब .फिर सीता के पास छटा सेन्स भी रहे है .इसका करो इस्तेमाल .

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  2. टिपण्णी जब जब हम करे गायब वह हो जाय

    इसका करो उपाय कविवर कुछ तो करो उपाय .

    बहुत खूब .फिर सीता के पास छटा सेन्स भी रहे है .इसका करो इस्तेमाल .

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    1. " टिपण्णी " सर ये गलत है।

      टिप्पणी ऐसे लिखी जाती है..

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  3. सुनो बड़ों की सीख, ठीक पहचानो रावण
    खींचो खुदकी रेख, कहाँ ले खींचे लक्ष्मण,,,,बहुत खूब,,,

    विजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,
    RECENT POST...: विजयादशमी,,,

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  4. खुद रावण पहचान, नहीं ये तृण से डरता
    मर्यादा को भूल, हवस बस पूरी करता
    आज का हैवान ये बाते पूरी करता ,
    इसीलिए कहता मैं नहीं किसी से डरता .
    बहुत सही कहा रविकर जी

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  5. बहुत खूब सर बेहतरीन उम्दा रचना

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  6. रविकर सर कृप्या यहाँ http://bloggers-word.blogspot.in/ भी पधारें।

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  7. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति।

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