" बलात्कार " दोषी कौन.. परिभाषा क्या..????????
पचपन वर्षों बाद क्यूँ, आये याद हठात ।
महिला शादी-शुदा जब, करती कार्य-बलात ।
करती कार्य-बलात, पीठ साबुन मलवाती ।
नहीं रहा कानून, नारि धज्जियाँ उड़ाती ।
अब ना अबला रूप, बिगाड़े चाहे बचपन ।
चल इच्छा-अनुरूप, नहीं तो झंझट पचपन ।।
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" कुछ प्यार की बातें करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
बोलो कैसे करूँ मैं, प्रकट पूर्ण अनुराग ।
नियत करे सरकार जब, वेतन का लघु भाग ।
वेतन का लघु भाग, अभी तक पूरा वेतन ।
पायी बिन खटराग, लुटाई अपना तन-मन ।
कर के प्रेमालाप, जहर अब यूँ नहिं घोलो ।
कर दूंगी झट केस, अकेले में गर बोलो ।
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जाना महेंद्र का, तानाशाही का नमूना
गगन शर्मा, कुछ अलग सा
साठ लाख की रकम थी, नहीं डिगा ईमान ।
गोपी चन्द्र, सुशील के, विज्ञापन मदपान ।
विज्ञापन मदपान, छोड़ते बड़े खिलाड़ी ।
अमरनाथ भी श्रेष्ठ, रवैया नहीं अनाड़ी ।
छोड़ें नहिं सिद्धांत, हमेशा फ़िक्र शाख की ।
मारा झटपट लात, नौकरी साठ लाख की ।।
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मूल्याँकन का मूल्याँकनसुशील
उल्लूक टाईम्स
चश्में का चक्कर गजब, अजब कापियां जाँच | चश्मा जाँचेगा नहीं, टेढा आँगन नाच | टेढा आँगन नाच, कहीं पर मुर्गी अंडा | देता नम्बर सौ, कहीं पर खींचे डंडा | अटकी जब पेमेंट, पड़ें भारी सब रश्में | बिन चश्मे हैरान, बहाते पानी चश्में || |
तू हाँ कर या ना कर?
(Arvind Mishra)
एकाकी जीवन जिए, काकी रही कहाय |
माँ के झंझट से परे, समय शीघ्र ही आय | समय शीघ्र ही आय, श्वान सब होंय इकट्ठा | केवल आश्विन मास, बने उल्लू का पट्ठा | आएँगी कुछ पिल्स, काटिए महिने बाकी | हो जाए ना जेल, रहो रविकर एकाकी || |
WoRds UnSpoKeN !!
म्याऊं मौसी मस्त है, डेयरी की इन्चार्ज ।
मनमौजी चूहे हुवे, अन्न स्टोरेज लार्ज ।
अन्न स्टोरेज लार्ज, जमीने अस्पताल की ।
खा बाइक विकलांग, घूमते बैठ पालकी ।
खर्चे लाख करोड़, करे हज जाय मकाऊ ।
अमरीका में ठीक, हो रही मौसी म्याऊं ।।
तालिबानी फरमान न मानने वाली छात्रा बिटिया मलाला को समर्पित -
उगती जब नागफनी दिल में, मरुभूमि बबूल समूल सँभाला ।
बरसों बरसात नहीं पहुँची, धरती जलती अति दाहक ज्वाला ।
उठती जब गर्म हवा तल से, दस मंजिल हो भरमात कराला ।
पढ़ती तलिबान प्रशासन में, डरती लड़की नहीं वीर मलाला ।।
साथ
Asha Saxena
चाहत पर है नियंत्रण, नहीं बहुत की चाह |
दो रोटी मिलती रहे, लो नि:शुल्क सलाह ||
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म्याऊं मौसी मस्त है, डेयरी की इन्चार्ज ।
मनमौजी चूहे हुवे, अन्न स्टोरेज लार्ज ।
अन्न स्टोरेज लार्ज, जमीने अस्पताल की ।
खा बाइक विकलांग, घूमते बैठ पालकी ।
खर्चे लाख करोड़, करे हज जाय मकाऊ ।
अमरीका में ठीक, हो रही मौसी म्याऊं ।।
म्याऊं मौसी मस्त है, डेयरी की इन्चार्ज ।
मनमौजी चूहे हुवे, अन्न स्टोरेज लार्ज ।
अन्न स्टोरेज लार्ज, जमीने अस्पताल की ।
खा बाइक विकलांग, घूमते बैठ पालकी ।
खर्चे लाख करोड़, करे हज जाय मकाऊ ।
अमरीका में ठीक, हो रही मौसी म्याऊं ।।
तालिबानी फरमान न मानने वाली छात्रा बिटिया मलाला को समर्पित -
उगती जब नागफनी दिल में, मरुभूमि बबूल समूल सँभाला ।
बरसों बरसात नहीं पहुँची, धरती जलती अति दाहक ज्वाला ।
उठती जब गर्म हवा तल से, दस मंजिल हो भरमात कराला ।
पढ़ती तलिबान प्रशासन में, डरती लड़की नहीं वीर मलाला ।।
साथ
Asha Saxena
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दो रोटी मिलती रहे, लो नि:शुल्क सलाह ||
ReplyDelete" कुछ प्यार की बातें करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
उच्चारण
बोलो कैसे करूँ मैं, प्रकट पूर्ण अनुराग ।
नियत करे सरकार जब, वेतन का लघु भाग ।
वेतन का लघु भाग, अभी तक पूरा वेतन ।
पायी बिन खटराग, लुटाई अपना तन-मन ।
कर के प्रेमालाप, जहर अब यूँ नहिं घोलो ।
कर दूंगी झट केस, अकेले में गर बोलो ।
आए जब भी पर्व कोई, प्यार से उपहार दें,
छोडकर।।।।।(छोड़कर)....... शिकवे-गिले, त्यौहार की बातें करें।
हर तरफ आलम है भ्रष्टाचार का ,
मुस्कुराता है ,छद्मी पैरहन ,
ऐसे में कौन से मयार की बातें करें ,
हार की बातें नहीं ,तकरार की बातें हैं ये ,
चिरकुटी माहौल में अब कौन सी बातें करें .
आपकी रचना में कोमल भाव है, हैं बहुत माहौल में झर्बेरियाँ ,
ऐसे में कोई बताओ! प्यार की बातें करें ?
यह सब पढ़ना अच्छा लग रहा है - आभार आपका!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार (14-10-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
चाहत पर है नियंत्रण, नहीं बहुत की चाह |
ReplyDeleteदो रोटी मिलती रहे, लो नि:शुल्क सलाह ||
ज़वाब नहीं भाई साहब आपका .सुन्दर भाव दोहे की छोटी सी काया में समाया है .बोध का बोध दोहे का दोहा .निश्शुल्क सीख .मेरी सुबह वाली टिपण्णी स्पैम में से निकालो भाई साहब .
सुन्दर प्रस्तुति |
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