यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur)
चौवालिस सौ हिट मिली, एक माह में मित्र ।
गाल फुला के बैठते, हालत बड़ी विचित्र ।
हालत बड़ी विचित्र, मित्र यशवंत बताएं ।
शुभकामना सँदेश, जन्म दिन में भिजवायें ।
वर्षगाँठ हर विविध, पलक पाँवड़े विछा के ।
नहीं कहें आभार, कभी भी बड़के आके ।।
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ईद मुबारक
Surendra shukla" Bhramar"5
एक नियंता विश्व का, वो ही पालनहार ।
मानव पर करता रहे, अदल बदल व्यवहार ।
अदल बदल व्यवहार, हार को जीत समझता ।
मेरा तेरा ईश, करे बकवाद उलझता ।
समझ धर्म का मूल, नहीं कर तू नादानी ।
झगडे झंझट छोड़, बोल ले मीठी वाणी ।।
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"मेरा सुझाव अच्छा लगे तो इस कड़वे घूँट का पान करें"
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
अपना न्यौता बांटते, पढवाते निज लेख |
स्वयं कहीं जाते नहीं, मारें शेखी शेख | मारें शेखी शेख, कभी दूजे घर जाओ | इक प्यारी टिप्पणी, वहां पर जाय लगाओ | करो तनिक आसान, टिप्पणी करना भाये | कभी कभी रोबोट, हमें भी बहुत सताए ||
बांध न मुझ को बाहू पाश में .....
Suman
पुष्पराज तू दुष्ट है, मद पराग रज बाँट । तन मन मादकता भरे, लेते हम जो चाट । लेते हम जो चाट, नयन अधखुले हमारे । समझ सके ना रात, बंद पंखुड़ी किंवारे । छलता रे अभिजात्य, भूलता सत रिवाज तू । छोड़े मुझको प्रात, छली है पुष्पराज तू ।।
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धन्यवाद अंकल!अपना आशीर्वाद यूं ही बनाए रखें।
ReplyDeleteसादर
अरे वाह!
ReplyDeleteअब तो बहुतों की पोस्ट को टिपिया दिया आपने!
बहुत बढिया...
ReplyDeleteप्रिय रविकर जी आभार आप का
ReplyDeleteआप ने सुन्दर वचन कहे काश सभी ऐसे ही मानें जाने गले मिलें तो ईद का आनंद और आये इस सुन्दर बनायें लोग ...
बहुत सुन्दर लिंक्स और आप के अनमोल वचन सोने पर सुहागा सभी प्रिय कवी लेखक गण को बधाई
भ्रमर 5
आज लिस्ट लंबी हो गयी. वैसे लिंक्स बहुत अच्छे हैं. धन्यबाद.
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