हास्य-व्यंग्य दोहे
Ambarish Srivastava
बेल बेल के पत्र से, शिव की पूजा होय |
बेलन से पति-*पारवत, पारवती दे धोय ||
पारवत=कबूतर
बेलन से पति-*पारवत, पारवती दे धोय ||
पारवत=कबूतर
अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)
तिनके को भी सिद्धकर, कह सकते मल-खम्भ |
तर्क-शास्त्र में दम बड़ा, भरा पड़ा है दम्भ | भरा पड़ा है दम्भ, गलतियाँ क्यूँकर मानें | आठ-आठ हो साठ, विद्वता जिद है ताने | होवे गलती सिद्ध, मगर वो ऐसे *पिनके | बके अनाप-शनाप, तोड़ जाता कुल तिनके || *क्रोधित तिनके तोडना=सम्बन्ध ख़त्म करना |
वाह, वाह!...क्या कहने!Aruna Kapoor
विधिना लिखकर सो गए, अपने अतुल विधान |
सरेआम अदना अकल, डाले नए निशान | डाले नए निशान, शान से कविता रचते | उद्वेलित हो हृदय, तहलके जमके मचते | स्वान्त: लिखूं सुखाय, जानता रविकर इतना | पुरस्कार जो पाय, आय हमको वह विधि- ना || |
वर्षातुषार राज रस्तोगी |
सड़क
कहाँ जा रही हे! सड़क, होवे बेडा गर्क |
गड्ढे ही गड्ढे भरे, लगे जर्क पर जर्क |
लगे जर्क पर जर्क, फर्क पूरा दिखता है |
दिल्ली आलीशान, यही फोटो बिकता है |
पर खुल जाए पोल, बाढ़ से सड़क बही है |
यू पी संग बिहार, कहीं पर सही नहीं है ||
Asha Saxena
कहाँ जा रही हे! सड़क, होवे बेडा गर्क |
गड्ढे ही गड्ढे भरे, लगे जर्क पर जर्क |
लगे जर्क पर जर्क, फर्क पूरा दिखता है |
दिल्ली आलीशान, यही फोटो बिकता है |
पर खुल जाए पोल, बाढ़ से सड़क बही है |
यू पी संग बिहार, कहीं पर सही नहीं है ||
कुछ बात तो है .....
संगीता स्वरुप ( गीत )
३३ ६६ ६३ ३६ तैतिस वर्षों से करे, तन-मन-जीवन तीन | ख्वाहिश-खुशियाँ-वेदना, दोनों तीन प्रवीन | दोनों तीन प्रवीन, चलो छाछठ तक दीदी | पुत्र-पुत्रियाँ-पौत्र, सूत्र से नव-उम्मीदी | रहो स्वस्थ चैतन्य, सदा तिरसठ सम हर्षो | दे जाता छत्तीस, विविधता तैंतिस वर्षों || |
हंत! व्यथित है चित्रकारी (क्षणिका)
Rajesh Kumari
इंद्र-धनुष से रंग सब, आये जाय विलोय | आये जाय विलोय, कूचिका बनी बिचारी | देख विभिन्न विचार, डुबोये बारी बारी | सात रंग से श्वेत, हुई पर काली सारी | हाय हाय रे हाय, गजब रविकर चित-कारी ||
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बहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ...
ReplyDeleteआभार
लिंक लिक्खाड़ के मैदान में,
ReplyDelete'लिक्खाड़' जम-कर खेल रहे क्रिकेट!
चौके छक्के मार रहे कलम से..
रविकर की अम्पायरी भी है परफेक्ट!
...बहुत सुन्दर है सभी लिंक्स!
आपकी कुण्डलियाँ (टिप्पणियाँ) लेखकों का उत्साहवर्धन करती हैं!
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