Monday, 11 February 2013

रक्षो कन्या भ्रूण, कहीं, ना बोले मुर्गा-


मेरा फोटो
दुर्गा यह नवजात है, सबला सिंह सवार |
हर विपदा का कर सके, निश्चय ही प्रतिकार | 

निश्चय ही प्रतिकार, सजा दरबार देखिये |
करे शत्रु संहार, भक्त हित प्यार देखिये |

रक्षो कन्या भ्रूण, कहीं ना
बोले मुर्गा |
मानवता की रात, करे लम्बी यह दुर्गा ||

जीवमातृका पञ्च कन्या तो बचा -

जीवमातृका  वन्दना, माता  के  सम पाल |
जीवमंदिरों को सुगढ़, करती सदा संभाल ||
http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/6/61/Stone_sculpt_NMND_-20.JPG 
शिव और जीवमातृका
धनदा  नन्दा   मंगला,   मातु   कुमारी  रूप |
बिमला पद्मा वला सी, महिमा अमिट-अनूप ||
https://lh3.googleusercontent.com/-ks78KCkMJR4/Tj_QMkR5FTI/AAAAAAAAAPI/PFy_h6xRHYY/bhrun-hatya_417408824.jpg
भ्रूण-हत्या
माता  करिए  तो  कृपा, सातों  में  से  एक |
भ्रूणध्नी माता-पिता,  देते असमय फेंक ||
http://aditikailash.jagranjunction.com/files/2010/06/bhrun-hatya.jpg
भ्रूण-हत्या 
कुन्ती   तारा   द्रौपदी,  लेशमात्र   न   रंच |
आहिल्या-मन्दोदरी , मिटती कन्या-पञ्च |
http://www.barodaart.com/Oleographs%20Mythology/PanchKanya-M(1).jpg
पन्च-कन्या
सातों  माता  भी  नहीं, बचा  सकी  गर  पाँच |
सबकी महिमा  पर  पड़े,  मातु  दुर्धर्ष  आँच |

 My Image
जैसे आलू-चने में, नमक मसाला मिर्च |
नमक-मिर्च लगती बहुत, मकु काटे ज्यूँ *किर्च |
*नुकीली छोटी तलवार

मकु काटे ज्यूँ *किर्च, सिरजता भूखा बन्दा |
भरे हुवे जो पेट , उन्हें तो लगना गन्दा |

बेचारा कविराज, विरादर जैसे तैसे |
कर लेते बर्दाश्त, पढो रविकर को जैसे ||


My ImageAuthor डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"

 चुप रहने का शपथ ले, करूं खत्म सन्ताप |
पत्नी जितना भी बके, रहूँ पड़ा चुपचाप |

रहूँ पड़ा चुपचाप, मानता रविकर आज्ञा |
करूँ ना कोई पाप, तोड़ कर बड़ी प्रतिज्ञा |

रही ख़ुशी से बिता, पार्टी शॉपिंग गहने |
लेती पूरा  बोल, हमें कहती चुप रहने ||


My ImageAuthor वन्दना गुप्ता


जती जात्रा पर चला, छोड़-छाड़ कर मोह |
उलझे या सुलझे सिरा, क्या लेना अब टोह |

क्या लेना अब टोह, हुआ रविकर आरोही |
करे भोग से द्रोह, आज अपना है वो ही |

सुनिए कृष्ण पुकार, गोपियाँ हाथ मींजती |
प्रभु पथ पर यह गोप, जिन्दगी तेज छीजती ||

ये जीवित पुतले नुमा आदमी कौन है ?प्रधानमंत्री है?

Virendra Kumar Sharma 

 
  पुतले बावन कार्ड के, इक जोकर पा जाय ।
सत्ता-तिर्यल पायके,  ठगे कार्य-विधि-न्याय ।
ठगे कार्य-विधि-न्याय, किंग बेगम के गुल्लू ।
दिग्गी छक्के फोर, बनाते घूमे उल्लू ।
काला सा ला देख, करा ले शो तो पगले ।
जीतें इक्के तीन, हार जाएँ सब पुतले ।।



मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता-6

अब-तक 
दशरथ की अप्सरा-माँ स्वर्ग गई दुखी पिता-अज  ने आत्म-हत्या करली । पालन-पोषण गुरु -मरुधन्व  के आश्रम में नंदिनी का दूध पीकर हुआ । कौशल्या का जन्म हुआ-कौसल राज के यहाँ
रावण ने वरदान प्राप्त किये-कौशल्या को मारने की कोशिश-दशरथ द्वारा प्रतिकार-दशरथ कौशल्या विवाह-रावण के क्षत्रपों का अयोध्या में उत्पात 
भाग-6
रावण का गुप्तचर  
दोहे
असफल खर की चेष्टा, हो बेहद गमगीन |
लंका जाकर के खड़ा,  मुखड़ा दुखी मलीन ||

रावण बरबस पूछता, क्यूँ हो बन्धु उदास |
कौशल्या के गर्भ का, करके सत्यानाश  ||

9 comments:

  1. सशक्त रूपकात्मक अभिव्यक्ति सर जी .जबरजस्त .

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  2. सशक्त रूपकात्मक अभिव्यक्ति सर जी .जबरजस्त .

    माता करिए तो कृपा, सातों में से एक |
    भ्रूणध्नी माता-पिता, देते असमय फेंक ||

    भ्रूण-हत्या
    कुन्ती तारा द्रौपदी, लेशमात्र न रंच |
    आहिल्या-मन्दोदरी , मिटती कन्या-पञ्च |

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  3. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि कि चर्चा कल मंगलवार 12/213 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है

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  4. अनुपम लिंक्‍स संयोजन ....
    आभार

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  5. बहुत बहुत आभार।

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  6. उत्कृष्ट प्रविष्टि रविकर जी

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