(Arvind Mishra)
क्वचिदन्यतोSपि...
हड्डी की इस हूक का, कितना सरल इलाज | स्नेहिल-जन छू ले अगर, छूमंतर हो आज | छूमंतर हो आज, राज की बात बताते | बुड्ढा तेरा बाप, इशारा कर ही जाते | नुस्खा लें अजमाय, खेलते गुरू कबड्डी | उलटा पैदा पूत, लात से छू ले हड्डी || |
अगस्त्य महर्षि कुँभारन के पुरखा पहला हम मानत भैया-
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सुषुप्त मन में ?
Rajesh Kumari
गुत्थी अनसुलझी रहे, उलझे उलझे स्वप्न ।
लगे लूटने चैन तो , कर दो उलझन दफ्न ।
कर दो उलझन दफ्न, नहीं राखो तब मन में ।
करते राखी देह, करे उत्पात बदन में ।
छोड़ नींद की बात, जाग के कर मत नत्थी ।
अनदेखी कर सखी, नहीं मतलब की गुत्थी ॥
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सूखे फूल
फूलों से नफ़रत करे, करते शूल पसंद ।
लेखक हैं नवगीत के, कवि रचते ना छंद ।
कवि रचते ना छंद, मग्न मतिमंद रहा हैं ।
*भा बहार नहिं रंग, बाग़ में कवि तन्हा हैं ।
प्रभा
सूख सरोवर नीर, मनुज कटता मूलों से ।
नीति-नियम कुल भूल, करे नफ़रत फूलों से ॥
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प्रस्तुतियां लगभग मिली, सच सटीक निर्दोष | सच सटीक निर्दोष, शेर सब जबरदस्त हैं | चीर फाड़ में व्यस्त, भाव खा रहे मस्त हैं | रविकर को है गर्व, मित्र सच्चा जो पाते | समय काल आपात, मित्र को हैं अजमाते || |
बेहतरीन लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आभार
ReplyDeleteश्रीमती वन्दना गुप्ता जी आज कुछ व्यस्त है। इसलिए आज मेरी पसंद के लिंकों में आपका लिंक भी चर्चा मंच पर सम्मिलित किया जा रहा है।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (23-02-2013) के चर्चा मंच-1164 (आम आदमी कि व्यथा) पर भी होगी!
सूचनार्थ!
मुख्तलिफ अंदाज़ हैं आपके खूबसूरत सेतु हैं आजके चर्चाकार ,हम शुक्रगुजार हैं आपके .आपने हमें भी शरीक किया .कृपया यहाँ भी पधारें -
ReplyDeleteगृह मंत्रीजी कहिन
भारत के गृहमंत्रालय को आइन्दा सूचनाप्रदाता मंत्रालय कहा जाना चाहिए .सूचना देना एक बड़ी बात होती है .लोगों को आगाह करना -भाइयों खबरदार रहना फलां राज्य में आतंकी विस्फोट कर सकते हैं .कोई मामूली बात नहीं है .गृह युद्ध की आशंका हो तब भी सूचना प्रदाता मंत्रालय यही कहेगा भाइयों सावधान रहना गृह युद्ध छिड़ सकता है .लोग अपनी अपनी हिफाज़त करें .और वह चुप्पा सिंह हमेशा की तरह यही कहते पाकड़े जायेंगे -आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा .
भाईसाहब हमारा मानना यह है कि वोट के आगे लार टपकाने वाली राजनीति आतंकवाद का मुकाबला कर ही नहीं सकती .बेहतर हो लोग खुद अपनी हिफाज़त करें .
वोट के आगे लारटप काऊ राजनीति को एक बड़ा लक्ष्य हासिल करना है .बहुसंख्यकों की आबादी को अल्पसंख्यकों के बराबर लाना है .तभी तो भारत के संशाधनों पर मुसलामनों का पहला हक़ होगा .फिलवक्त यह अनुपात लड़का -लड़की अनुपात की तरह विषम बना हुआ है .यह ना -इंसाफी है .भारत की कोई सवा करोड़ आबादी में से कुछेक लाख ठिकाने लगते रहें तब भी इसे हासिल करने में वक्त लग जाएगा .बेहतर हो विस्फोट स्थल पर लोग बड़ी संख्या में पहुंचें ,सामूहिक विवाह की तरह सामूहिक हाराकरी का सुनहरा अवसर मुहैया करवाती है सरकार .भगवान उसका भला करे .इसमें सूचना प्रदाता मंत्रालय का बड़ा योगदान आने वाली नस्लें याद करेंगी .
Virendra Sharma @Veerubhai1947
गृह मंत्रीजी कहिन http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/02/blog-post_22.html …
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2 hrsVirendra Sharma @Veerubhai1947
ram ram bhai मुखपृष्ठ शुक्रवार, 22 फरवरी 2013 गृह मंत्रीजी कहिनhttp://veerubhai1947.blogspot.in/
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बेहतरीन सूत्र...धन्यवाद
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