फ्रेंड बड़ा सा शिप लिए, रहे सुरक्षित खेय |
चलें नहीं पर शीप सा, यही ट्रेंड है गेय |
यही ट्रेंड है गेय, बिलासी बुद्धि नाखुश |
गलत राह पर जाय, लगाए रविकर अंकुश |
दुःख सुख का नित साथ, संयमित स्नेही भाषा |
एक जान दो देह, यही है फ्रेंड-पिपासा ||
चलें नहीं पर शीप सा, यही ट्रेंड है गेय |
यही ट्रेंड है गेय, बिलासी बुद्धि नाखुश |
गलत राह पर जाय, लगाए रविकर अंकुश |
दुःख सुख का नित साथ, संयमित स्नेही भाषा |
एक जान दो देह, यही है फ्रेंड-पिपासा ||
आज जड़ों को ट्रीटमेंट की, बड़ी जरुरत है भाई |
पर्वत करने लगे ईर्ष्या , देख पेड़ की बढ़ी उंचाई | गहराई में जड़े जा घुसीं, बहुतों को यह रास न आया | करे दिखावा ढोंगी सारे, चाट रहे दीमक की नाईं || |
झूठ-सांच की आग में, झुलसे अंतर रोज |
किन्तु हकीकत न सके, नादाँ अब तक खोज | नादाँ अब तक खोज, बड़े वादे दावे थे | राष्ट्र-भक्ति के गीत, सुरों में खुब गावे थे | दृष्टि-दोष दम फूल, झूल रस्ते में जाते | भूले सही उसूल, गलत अनुसरण कराते || |
काजल कुमार के कार्टून
कार्टून :- चाय के प्याले में तूफ़ान
कुलबुलाय कीड़ा-कपट, बेईमान इंसान ।
झूठ स्वयं से बोल के, छोड़ हटे मैदान | छोड़ हटे मैदान, डटे थे बड़े शान से | बार बार आमरण, निकाले खड्ग म्यान से | अनशन अब बदनाम, महात्मा गांधी अन्ना | खड्ग सिंह विश्वास, टूटता मिटी तमन्ना | |
भगत सिंह अशफाकुल्ला, बापू जैसी कहाँ आत्मा |
आँख मूंद कर पीछे लाखों, आन्दोलन का किन्तु खात्मा | आशावादी जन गन सारा, लेकिन नेता नहीं भरोसा | जीना हरदिन कठिन हो रहा, खड़ा झूठ का उच्च आसमाँ || |
असहनीय बंदिशें सही हैं,
जुल्मों की इंतिहा हुई है | सदियों से अपमान-ताड़ना, कडुवे-कडुवे घूँट गटकती | नारी जागी-मिला समर्थन, आज मीडिया भी व्यापारी - खबर मसाले दार बना के, चटकारे ले खूब कही है || |
बन्दर मोर हिरन चमगीदढ़, मैना सारस तितली रानी | हरा-भरा यह उदय शहर है, सरल-चित्र की मूक बयानी | फूल पत्तियों काँटों की भी, रानी के संग बनी कहानी | फोटोग्राफर साधुवाद है, दाद दे रही रविकर वाणी || |
खेल में अमेरिकी गुंडागर्दी
Sumanat
बाक्सिंग बाउट का रिजल्ट, हो विकास की हार |
ओबामा तू मित्र कस, भारत से कस प्यार ?
भारत से कस प्यार, सैकड़ों मेडल तेरे |
कैसे पूरूं चार, फैसले बदले मेरे |
एमेच्योर यह संघ, करे हर दिन मनमानी |
खारिज करे अपील, सुने न राम कहानी ||
ओबामा तू मित्र कस, भारत से कस प्यार ?
भारत से कस प्यार, सैकड़ों मेडल तेरे |
कैसे पूरूं चार, फैसले बदले मेरे |
एमेच्योर यह संघ, करे हर दिन मनमानी |
खारिज करे अपील, सुने न राम कहानी ||
(2)
हिंदी चीनी फिर हुवे, भाई भाई राम |
कांस्य-पदक के खेल में, प्लेयर हो नाकाम |
कांस्य-पदक के खेल में, प्लेयर हो नाकाम |
प्लेयर हो नाकाम, जिताती है भारत को |
अमरीका उद्दंड, यहाँ जितना भी बक्को |
मनमानी का राज, राज सभी खेलों में |
अंधा है कानून, अकड़ भरता चेलों में ||
दोस्ती का दिन मुबारक हो !
ReplyDeleteफ्रेंड बड़ा सा शिप लिये रहे सुरक्षित खेय..वाह!
ReplyDeleteआपको मित्रता दिवस शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteबहुत ख़ूब!
ReplyDeleteआपकी यह ख़ूबसूरत प्रविष्टि कल दिनांक 06-08-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-963 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
great creation..waah..
ReplyDeleteमित्रता दिवस की शुभकामनाएं ...
ReplyDelete.आने दो नौ तारीक (तारीख )दिव्या ,आग लगेगी दिल्ली में ,.......भाग मचेगी दिल्ली में ,साम्राज्ञी अब चुप्पा तोड़ो ,आग लगेगी दिल्ली में ....,नहीं चलेगा पीज़ा मेरी दिल्ली में ....._______________
ReplyDeleteलिंक 14-
केवल बुद्धिविहीन भारतीयों के लिए एक पोस्ट -दिव्या श्रीवास्तव ZEAL
ram ram bhai
ram ram bhai
सोमवार, 6 अगस्त 2012
भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़ से
बन्दर मोर हिरन चमगीदढ़,
ReplyDeleteमैना सारस तितली रानी |
हरा-भरा यह उदय शहर है,
सरल-चित्र की मूक बयानी |
फूल पत्तियों काँटों की भी,
रानी के संग बनी कहानी |
फोटोग्राफर साधुवाद है,
दाद दे रही रविकर वाणी ||
दिनेश की दिल्लगी ,दिल की लगी बन जाती है ,एक साथ दुनिया का दर्द लिए आती है ,बढ़िया कैनवास बटोरा है इस प्रस्तुति ने सार निचोड़ा है आलेखों (मूल )का .
ram ram bhai
ram ram bhai
सोमवार, 6 अगस्त 2012
भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़ से
बेहतरीन...
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