"आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता "-डॉ .वागीश मेहता ,डी .लिट .,
Virendra Kumar Sharma
भारत की सत्ता सरल, सही धर्म निरपेक्ष |
पाले पोसे राज-धर्म, जनता के सापेक्ष |
जनता के सापेक्ष, अधर्मी का है स्वागत |
चाहे रविकर पड़े, चुकाना कोई कीमत |
आतंकी का धर्म, नहीं होता है कोई |
है सच्चा निरपेक्ष, देश का मेहमाँ सोई ||
पाले पोसे राज-धर्म, जनता के सापेक्ष |
जनता के सापेक्ष, अधर्मी का है स्वागत |
चाहे रविकर पड़े, चुकाना कोई कीमत |
आतंकी का धर्म, नहीं होता है कोई |
है सच्चा निरपेक्ष, देश का मेहमाँ सोई ||
सदा फुदकती रहना गौरैया
चैतन्य शर्मा (Chaitanya Sharma)
चैतन्य का कोना
चैतन्य का कोना
गौरैया के स्वर सुने, हृदय प्रफुल्लित होय |
उच्च उच्चतर उच्चतम, प्रेरित हो सब कोय |
प्रेरित कर सब कोय, सरल सा सीधा जीवन |
रहे स्वयं में मगन, फुदकती द्वारे आँगन |
पड़ी प्रदूषण मार, घटे है सोन चिरैया |
हो दिल्ली चैतन्य, सुरक्षित हो गौरैया ||
उच्च उच्चतर उच्चतम, प्रेरित हो सब कोय |
प्रेरित कर सब कोय, सरल सा सीधा जीवन |
रहे स्वयं में मगन, फुदकती द्वारे आँगन |
पड़ी प्रदूषण मार, घटे है सोन चिरैया |
हो दिल्ली चैतन्य, सुरक्षित हो गौरैया ||
विडम्बना
मनोज कुमार
घास फूस की झोपड़ी, सहे धूप बरसात |
उलझी मानव खोपड़ी, बात बात में वात |
बात बात में वात, कुपित जब हो जाती है |
तरह तरह के रोग, बुद्धि भी भरमाती है |
सच्चे धंधेबाज, सभी धंधों का फंडा |
पुलिस कटोरा लिए, थामता पंडा डंडा ||
उलझी मानव खोपड़ी, बात बात में वात |
बात बात में वात, कुपित जब हो जाती है |
तरह तरह के रोग, बुद्धि भी भरमाती है |
सच्चे धंधेबाज, सभी धंधों का फंडा |
पुलिस कटोरा लिए, थामता पंडा डंडा ||
आह केतकी आह है, गजब समर्पण भाव |
दृष्टान्तों का दोष से, किया स्वयं अलगाव |
किया स्वयं अलगाव, जरा सोचा तो होता |
यही अंश का वंश, तुम्हारा वक्ष भिगोता |
अवसर देती एक, नेक यह होती घटना |
देता मैं भी साथ, खले चुपचाप निपटना ||
लग सकती है फेस पर, बुकिये तगड़ी ठेस |
मुद्दा है पहचान का, करो प्रोब्लम फेस |
करो प्रोब्लम फेस , सही परिचय है वांछित |
हो न कोई केस, कभी न होओ लांछित |
हो जाओ गर ब्लाक, प्रमाणिक कॉपी भेजो |
कट जाएगी नाक, इंट्रियाँ सही सहेजो ||
दृष्टान्तों का दोष से, किया स्वयं अलगाव |
किया स्वयं अलगाव, जरा सोचा तो होता |
यही अंश का वंश, तुम्हारा वक्ष भिगोता |
अवसर देती एक, नेक यह होती घटना |
देता मैं भी साथ, खले चुपचाप निपटना ||
फेसबुकियो सावधान रहेना क्यु की ( इस पोस्ट को अवश्य पढे )
SACCHAI
AAWAZ
AAWAZ
मुद्दा है पहचान का, करो प्रोब्लम फेस |
करो प्रोब्लम फेस , सही परिचय है वांछित |
हो न कोई केस, कभी न होओ लांछित |
हो जाओ गर ब्लाक, प्रमाणिक कॉपी भेजो |
कट जाएगी नाक, इंट्रियाँ सही सहेजो ||
आज दिन भर आपका फोन बंद था मोबाइल भी और घर
ReplyDeleteका भी यहाँ कैंटन से ०११९१-९३०-८९५५ -४९६ /०११९१ -८९ -८६६ -५७ -२५८ बारहा घुमाया ,रविकर भैया हाथ न आया .सभी सेतुओं पर शानदार काव्यात्मक टिप्पणियाँ घडीं हैं आपने इत्तेफाकन सभी सेतु पढ़ें हैं गुनें हैं टिपियाएँ हैं इन पर हम लोग .
8521396185
Deleteबेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeleteमस्त चर्चा ... आपके छंदों का मज़ा भी साथ में ..
ReplyDeletewaah..nice comments..
ReplyDeleteबहुत खूब !
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ReplyDeletebhavnao ka suruchi purn chando me bkhubi prastutikaran,man ko aanandit kr dia