Tuesday, 14 August 2012

जंगल में जनतंत्र हो, जमा जानवर ढेर-

जनता भैंस, अन्‍ना के हाथ में सिंघ, तो बाबा के हाथ में पूंछ

जंगल में जनतंत्र हो, जमा जानवर ढेर |
करे खिलाफत कोसते, हाय हाय रे शेर |
हाय हाय रे शेर, कान पर जूं न रेंगा |
हरदिन शाम सवेर, लगे आजादी देगा |
छोडो भाषण मीठ, करो मिल दंगा - दंगल |
शासक लुच्चा ढीठ, बचाओ रविकर जंगल ||

पाकिस्तान में हिन्दू स्त्रियों का बलात्कार और भारत की चुप्पी के मायने?

जर जमीन जोरू संसाधन, कांग्रेस की नई घोषणा |
बहुसंख्यक की करे उपेक्षा, अल्प-संख्यक को सतत पोसना |
भारत की चुप्पी के मायने, हिन्दुओं की अस्मत लुटती -
पाक वही तो करता जाये, करिए भैया रोस न |
 अविवाहित व्यक्ति

अविवाहित के बड़े मजे हैं-रचना उत्तम ईश्वर की |
जिम्मेदारी, बड़े बझे हैं, घनचक्कर सा बदतर की |
लेकिन शादी बड़ी जरुरी, शान्ति व्यवस्था जग खातिर-
*छड़ा बखेड़ा खड़ा कर सके, रहे ताक में अवसर की |


पहले जैसे इक्के-दुक्के, बाबा  विदुषी  सन्यासिन
करें क्रान्ति परिवर्तन बढ़िया, देश दिशा भी बेहतर की |
गृहस्थी में फंसे लोग हैं, खुराफात का समय नहीं है-
फुर्सत में होते हैं जब भी, खबर खूब लें रविकर की ||

3 comments:

  1. बहुत सुन्दर...स्वतन्त्रतादिवस की पूर्व संध्या पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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  2. ati uttam,swantratadivs par badhayee swikar kre

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