Tuesday, 7 August 2012

भिन्न भिन्न धर रूप, मनुज सा परमेश्वर है -रविकर

  -- करण समस्तीपुरी
(1)
भीषण गर्मी में सरस, बरसाए मधु मेह |
काट चिकोटी जाँचता, सपने का संदेह |

सपने का संदेह, गेह ढूँढा दस घंटे |
चूर चूर थक देह, भोग पंडों के टंटे |

वह आया था कौन, मौन मन माना मंतर |
ठौर कौर रथ-वाह, करण को मिले निरंतर |
 (2)
वह आया था कौन ठग, भटके को भटकाय |
भूखे को रोटी खिला, बिना कहे कुछ जाय |

बिना कहे कुछ जाय, सही मंजिल पहुँचाता |
जब जब मन घबराय, निदर्शन देकर जाता |

भिन्न भिन्न धर रूप, मनुज सा परमेश्वर है  |
फैलाए यश  धूप, करण-मन से  बेहतर है || 

उद्देश्‍य रहित जीवन की भी आवश्‍यकता है

smt. Ajit Gupta 
अजित गुप्‍ता का कोना
 सत्ता का संघर्ष ही, दिखता कारक मूल |
संस्था को गति दे रहे, अपने अपने  रूल |


अपने अपने रूल, दिशा गर सबकी साझी |
रहे संतुलित वेग, कहीं कुछ भी न बाझी |


अगर दिशा विपरीत, खाय बेढब हिचकोले  |
बुद्धिमान जो होय, किनारे खुद से हो ले ||


What Is A Subluxation ?

veerubhai
ram ram bhai

महत्त्वपूर्ण सबसे अधिक, गुर्री गुर्री रीढ़ |
गर खिसकेगी एक भी, होय भयंकर पीड़ |


होय भयंकर पीड़, नशें दबने न पावें |
हृदय रोग संभाव्य, जीव बहरा हो जावे |


यह काया कंकाल, जाल में फंस न जाए |
इसीलिए अब  जांच, आप नियमित करवाएं || 

हालातों के बीच अपनी जिंदादिली ...

सदा 
 SADA 

डेवी का यह लैम्प है, सेफ्टी पिन के साथ |
इनट्रिंकसिक्ली सेफ है, रखें सुरक्षित हाथ |


रखें सुरक्षित हाथ, नहीं तूफानों का डर |
भरी पड़ी मीथेन, इसी से कांपे रविकर |


भर जीवन संघर्ष, माइनिंग करते जाएँ |
अक्षय उर्जा भण्डार, सदा उपलब्ध कराएँ || 


नाच उठा मन ....

  Sharad Singh  


बारिश में रिसिया गया, खिसियाया मनमीत |
सर्दी खांसी फ्लू से, कौन सका है जीत |


कौन सका है जीत, रीत श्रृंगारिक
कैसी |
दिखलाया यूँ प्रीत, गई पानी में भैंसी |


सुबह सुबह का दृश्य, डाक्टर शरद दवा दें |
डबल डोज खा जाँय, मस्त सी फिजा गवाँ दें ||

4 comments:

  1. बढिया...जन्म अष्टमी पर शुभकामनाएं |

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  2. कौन सका है जीत, रीत श्रैंगारिक कैसी |
    दिखलाया यूँ प्रीत, गई पानी में भैंसी |

    कौन सका है जीत, रीत श्रैंगारिक कैसी |
    दिखलाया यूँ प्रीत, गई पानी में भैंसी |श्रृंगारिक कर लें भाई साहब ,श्रृंगार में "इक"प्रत्यय लगाय .टिप्पणियाँ सारी सार तत्व समेटें हैं मूल पोस्ट का .शुक्रिया .

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  3. सारे लिंक कविताओं की तरह की रोचक हैं।

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