ये भगतसींह कौन है बे ? "आर टी आई" ने खोली पोल
SACCHAI
AAWAZ
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अबे भगत सिंह कौन है, आर टी आई मौन ।
हर शहीद गांधी मिला, शेष सभी हैं गौण |
हर शहीद गांधी मिला, शेष सभी हैं गौण |
शेष सभी हैं गौण, गुरु अफजल को जाने |
है कसाब मेहमान, आज के बड़े सयाने |
कर जमीन का दान, बांग्ला देश मुकम्मल |
भारत में घुसपैठ, बनाये ढाका मलमल ||
बइले को मोबाइलें, दे दे के बहलाय |
मौंजीबंधन दें करा, पंडित बड़ा बुलाय |
पंडित बड़ा बुलाय, दक्षिणा तीस रुपैया |
महीने में इक बार, हेलो कर लेना सैंया |
रविकर बेंच जुगाड़, ख़रीदे दाना-पानी |
राहुल मौका ताड़, पकड़ लेता बेईमानी ||
मौंजीबंधन दें करा, पंडित बड़ा बुलाय |
पंडित बड़ा बुलाय, दक्षिणा तीस रुपैया |
महीने में इक बार, हेलो कर लेना सैंया |
रविकर बेंच जुगाड़, ख़रीदे दाना-पानी |
राहुल मौका ताड़, पकड़ लेता बेईमानी ||
Sushil Kumar Shinde apologises for 'filmy' dig at Jaya Bachchan in ...
सुन सुशील सन्देश, मांगते माफ़ी शिंदे-
फ़िल्मी दंगे क़त्ल सम, समझ असम का केस |
है सशक्त यह पटकथा, सुन सुशील सन्देश |
सुन सुशील सन्देश, मांगते माफ़ी शिंदे |
सेंसर करता बोर्ड, सीन काटे सब गंदे |
रही खड़ी चुपचाप, मरे शोले में घर-भर |
अपना रस्ता नाप, अरे फ़िल्मी घन चक्कर ||
है सशक्त यह पटकथा, सुन सुशील सन्देश |
सुन सुशील सन्देश, मांगते माफ़ी शिंदे |
सेंसर करता बोर्ड, सीन काटे सब गंदे |
रही खड़ी चुपचाप, मरे शोले में घर-भर |
अपना रस्ता नाप, अरे फ़िल्मी घन चक्कर ||
समझी झट इस बार, तभी तो फट गुस्साई-
समारोह दीक्षांत में, दिग्गी राजा आय |
हिंदी-डिग्री सौंपते, पाय सोनिया माय |
पाय सोनिया माय, थैंक्यू कह शरमाये |
वो संसद जब जाय, समझ में चर्चा आये |
अडवानी की बंद, करे इक दिवस बोलती |
गुस्से का इजहार, जुबाँ इस कदर खोलती |
इत्ता गुस्सा बाप रे, अडवानी की भूल |
यू पी ए टू कह गए, दे दी जम के तूल |
दे दी जम के तूल, मीडिया समझ न पाया |
रविकर ने इस बार, उसे ऐसे समझाया |
हिंदी भाषा ज्ञान, ख़तम की पूर्ण पढ़ाई |
यू पी ए टू कह गए, दे दी जम के तूल |
दे दी जम के तूल, मीडिया समझ न पाया |
रविकर ने इस बार, उसे ऐसे समझाया |
हिंदी भाषा ज्ञान, ख़तम की पूर्ण पढ़ाई |
समझी झट इस बार, तभी तो फट गुस्साई ||
हिंदी दीक्षित होने पर ग्रेजुएशन सेरीमनी करवाओ ,
ReplyDeleteअसम यू पी ए टू ,अवैध हैं जन जन को समझाओ ,
अडवानी सच बोलेंगे .
समारोह दीक्षांत में, दिग्गी राजा आय |
Deleteहिंदी-डिग्री सौंपते, पाय सोनिया माय |
पाय सोनिया माय, थैंक्यू कह शरमाये |
वो संसद जब जाय, समझ में चर्चा आये |
अडवानी की बंद, करे इक दिवस बोलती |
गुस्से का इजहार, जुबाँ इस कदर खोलती |
बहुत खूब !
ReplyDeleteबहुत अच्छे व्यंगबाण !!
ReplyDelete.बहुत सार्थक प्रस्तुति .श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आपको बहुत बहुत शुभकामनायें . ऑनर किलिंग:सजा-ए-मौत की दरकार नहीं
ReplyDeleteअरे बाप रे बाप!
ReplyDeleteआपके तीखे व्यंग्य वाणों का भी जबाब नही रविकर जी.
घुसकर फिर निकलने का नाम न लें.