ममतामयी इंदु माँ अस्वस्थ है -सतीश सक्सेना
सतीश सक्सेना
मेरे गीत !
मेरे गीत !
नेह हमारा साथ है, ईश्वर पर विश्वास |
अन्धकार को चीर के, फैले धवल उजास |
अन्धकार को चीर के, फैले धवल उजास |
फैले धवल उजास, मिले ममतामय साया |
ब्लॉग-जगत है साथ, हितैषी रविकर आया |
शुभकामना असीम, स्वस्थ होकरके आओ |
है संतोष सतीश, प्यार के गीत सुनाओ ||
लक्ष्मीपति अखिलेश, खफा क्यूँ हो जाते हो ; चर्चा-मंच 932
टिप्पणी
आभार ; जनसन्देश 04-07-2012
रविकर फैजाबादी
देख लिया उल्लूक ने, अब पैसों का पेड़ |दिन में चाहो लो हिला, मारे रात थपेड़ |
बारिश के पहले,बारिश के बाद
बारिश से पहले घटा, नहीं कभी भी धीर |बारिश की देखे घटा, होता धीर अधीर ||
बारिश पर विद्वान ने, लिया सही स्टैंड |
मन को समझाना कठिन, समझो मेरे फ्रेंड ||
तुम कहो ....
राधा मन को शरद ही, भावे गोकुल वीर |मिलन आस हो बलवती, बाकी समय अधीर ||
बीस लाख की लाटरी, लक्ष्मीपति अखिलेश-
भोग लगा लक्ष्मीपती, सबको रहे भोगाय |आस टूट एम् एल ए की, आंसू रहे बहाय ||
Untitled
कविता करे विकास नित, कवि के मन की चाह |शीतल चन्दा चांदनी, मिले आस को राह ||
झूम झूम झर झर कर सावनी फुहार...
सचमुच ही वटवृक्ष यह, श्रेष्ठ वांटेड मोस्ट |प्राण-वायु से पोसता, ब्लॉग वर्ल्ड की पोस्ट ||
कि अब कोयल के कंठ में भी अटके है गीत
swatiकोयल ने देखा वहाँ, कौवे जैसा लंठ |
इसीलिए तो मधुरता, अटक रही है कंठ |
अटक रही है कंठ, करे क्या इसका रविकर |
कोई नहीं इलाज, बुलाएगा क्या डाक्टर |
कोई उल्लू आय, अगर कौवे से बाझे |
तब ही गीत सुनाय, ख़ुशी मन नाचें राझें ||
Mr. Secular Indian teaching secularism to his Gullible disciples who are pursuing a political career as a secular politician.
गजब जील उत्साह, राह दिखाए रोज ही |जागे चाह अथाह, हम भी अब तैयार हैं ||
वेदों में भी है ईश्वरीय कण का जिक्र
बंदा खड़ा फिजिक्स का, पढ़ा आप का लेख |वेद शास्त्र से जोड़ के, रहा खोज को देख ||
रोज सुबह की मस्ती खरगोश के बच्चों के साथ, लक्ष्य
सुन्दर शावक देख के , हुई आत्मा तृप्त |पुत्र सरिस हम भी प्रसन्न, सुन्दर प्रस्तुत वृत्त ||
जिंदगी वास्तव में जिन्दादिली का नाम है -- डॉक्टर्स भी क्या खूब जीया करते हैं !
जीवन में कितना सुने, देखें दर्द अथाह |
इक डाक्टर की सदा ही, बड़ी कठिन है राह |
बड़ी कठिन है राह, मर्ज से रहते लड़ते |
दवा मरीज की दाह, ताप में समय रगड़ते |
हक है मित्र दराल, लूटिये हंसी ख़ुशी दिल |
करूँ थैंक्स टू आल, बढ़े न ज्यादा यह बिल ||
पुलिस कि कृपा और हमारा अन्याय
नारद झट झंझट करे, पहुँच जहाँ दरकार |उत्प्रेरित जन-मन करे, जनहित से ही प्यार ||
हिन्दी फ़िल्मों का नायक वामपंथी क्यों नहीं
कला फिल्म में हैं दिखे, छुटपुट ऐसे पात्र |अगर लिखेंगे पटकथा, बाम-पंथ के छात्र |
बाम-पंथ के छात्र, तभी तो बात बनेगी |
फैलेंगे लेफ्टिस्ट, रात दिन खूब छनेगी |
मजदूर कृषक की जीत, चाहते हम भी भैया |
पर आयें तो नए, फिल्म के बड़े लिखैया ||
आभार सभी का
अथक परिश्रम आपका, नमन मित्र आभार |प्रत्युत्तर की धृष्ठता, करो प्रेम स्वीकार |
करो प्रेम स्वीकार, धीर की महिमा गाऊं |
रविकर संग सुशील, ज्ञान सह निष्ठा पाऊं |
चर्चा मंच की शान, बढ़ी है चढ़े ऊंचाई |
मिले सतत वरदान, मित्र को सारद माई ||
शुभकामनायें इंदुजी को !
ReplyDeleteईश्वर से प्रार्थना है कि इंदुजी जल्दी स्वस्थ होजाएं.... !
ReplyDeleteइंदु जी के लिए ढेरो दुआएं....
ReplyDeleteशुक्रिया रविकर जी
सादर
स्वास्थ्य में सुधार हो |
ReplyDeleteसादर प्रणाम ||
इंदु जी के स्वस्थ्य लाभ की कामना
ReplyDeleteमेरे गीत,
ReplyDeleteसतीश सक्सेना जी के पोस्ट पर ,,,,,
इंदू जी,अस्वस्थ है,ज्ञात हुआ है आज
शीघ्र ही स्वस्थ हो,ईश्वर पर है विश्वास
ईश्वर परहै विश्वास,रहेगी इंदू की छाया
संतोष से मोबाईल पर खूब बतिआया
शीघ्र स्वस्थ हो,लौटकर घर आ जाओ
ब्लॉग जगत में फिरसे पोस्ट लगाओ,,,,,,,
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (07-07-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!