कुंडली
हँसने वाले हैं भले, उनकी हंसी अमूल ।
हँसने वाले हैं भले, उनकी हंसी अमूल ।
टेंसन फ्री रहते सदा, खिलता जीवन फूल ।
खिलता जीवन फूल, डाक्टर साहब कहते ।
रविकर भला उसूल, लतीफे कहते रहते ।
ऐसे सज्जन वृन्द, अन्य को रहें हंसाते ।
हल्का रख माहौल, टेंसन सदा भगाते ।।
मुहाविरे
(1)
खून आँखों में उतारें, आप बेशक ।
काँच ना बाहर निकल आये कहीं ।।
(2)
आँखें तरेरो, रोज मुट्ठी बांध चीखो-
उच्च अतिशय दाब से, दिल फेल होना भूल मत ।।
धीरे धीरे सावन आये। समय हमेशा अधिक लगाये ।
व्याकुल जीवन तपती धरती । नाजुक विटप लताएँ मरती ।।
कुदरत अब सिंगार करे है । मस्तक पर नव मुकुट धरे है ।
नव पल्लव संबल पाते हैं । लिपट चिपट कर चढ़ जाते हैं ।।
हरियाली सब का मन मोहे । रविकर दिनभर भटके-टोहे ।
मेघ गर्जना बिजली दमकी । कविवर क्यूँ आँखें न चमकी ??
देवता मिल गया....
Dr (Miss) Sharad Singh at Sharad Singh -
मन मंदिर मोहित मगन, मुश्किल में मम देह ।
जाउंगी मनमीत बिन, कैसे वापस गेह ।
कैसे वापस गेह , संभालो कोई आकर ।
मेरा पावन नेह, बुलाओ भाई रविकर ।
शहनाई सी बाज, आज की गजब आरती ।
मनमोहक अंदाज, स्वयं से खड़ी हारती ।
ये बेरुखी कब तक होगी.
आमिर दुबई
मोहब्बत नामा
मोहब्बत नामा
छोड़कर चलते बने तुम, किस ठिकाने पर टिकोगी |
गम बेंचता आऊं उधर ही, दे गए जो मुझे मन भर |
दाल रोटी लूँ कमा मैं , याद में तेरी मरुँ न --
पाव भर बेचूं तुझे भी, चख के करना याद रविकर ||
गम बेंचता आऊं उधर ही, दे गए जो मुझे मन भर |
दाल रोटी लूँ कमा मैं , याद में तेरी मरुँ न --
पाव भर बेचूं तुझे भी, चख के करना याद रविकर ||
खुद का खुद से नाता तोड़ता !!!
सदा
SADA
SADA
टूट-फूट को जोड़ते, लगा गाँठ पर गाँठ ।
रहा अनवरत कर्मरत, पहर आठ के आठ |
पहर आठ के आठ, पाठ धीरज का पढ़ के ।
नेह बांध के साथ, निभाये वह बढ़-चढ़ के ।
सबसे आगे दौड़, छोड़ता पीछे सबको ।
खुद से नाता तोड़, याद कर जाए रब को ।।
सपनों का सौदागर
मन-भावन सपने सजे, मजे दार हैं मित्र ।
वैसे तो अनमोल हैं, लेकिन बात विचित्र ।
लेकिन बात विचित्र, मुफ्त बांटे सौदागर ।
तरह तरह के भेद, छाँट लो बढ़िया सादर ।
दिवास्वप्न हैं व्यर्थ, बिछाओ प्रेम-विछावन ।
ले लो गहरी नींद, देख सपने मनभावन ।।
बहुत ही बढिया।
ReplyDeleteहँसने वाले हैं भले, उनकी हंसी अमूल ।
ReplyDeleteटेंसन फ्री रहते सदा, खिलता जीवन फूल ।
अच्छी प्रस्तुति ,,,,,
Nice .
ReplyDeleteलो-एस्टीम है वजह
जब भी हम किसी से अपनी तुलना करके निराश होते हैं, तो इसका मतलब यही है कि हम अपने आप से और अपने आस-पास की चीजों से खुश नहीं हैं।
- सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लिमिटेड टाइम गुजारें।
- याद रखें कि आप और बाकी सभी लोग अपने-आप में यूनीक हैं और सभी के पास अपना टैलंट है।
- अपनी तुलना बस खुद से ही करें और अपनी इंप्रूवमेंट के लिए कुछ गोल्स तय कर लें।
- अपने इंटरेस्ट की ऐक्टिविटीज में इंवॉल्व होकर नेगेटिव थॉट्स को दूर रखें।
- अगर कभी फ्रस्ट्रेशन हो, तो अपने विचारों को लिखें या फिर किसी फ्रेंड से शेयर करें।
- खुद से सवाल करें कि दूसरों की बड़ी समस्याओं के आगे आपकी यह लो-फीलिंग कितना मायने रखती है।
- और अगर यह सब आपके लिए काम नहीं करता है, तो बेहतर होगा कि आप अपना अकाउंट ही डिलीट कर दें
Source : http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/07/blog-post_19.html