मुलायम सिंह की साईकिल में रिवर्स गियर भी है
उड़ा पड़ा तृण मूल से, होवे ममता ख़त्म ।
चरणों में जाकर चढ़ा, निभा गया बस रस्म ।
निभा गया बस रस्म, मुलायम पंखुड़ियों ने ।
पछुवा रुख पहचान, लगे जाकर लड़ियों में |
रविकर बंदनवार, राष्ट्रपति का सजता है |
दो ही ढपली राग, अलग ममता बजता है ||
जिसने लास वेगास नहीं देखा
veerubhaiकबीरा खडा़ बाज़ार में
नंगों के इस शहर में, नंगों का क्या काम ।
बहु-रुपिया पॉकेट धरो, तभी जमेगी शाम ।
तभी जमेगी शाम, जमी बहुरुपिया लाबी ।
है शबाब निर्बंध, कबाबी विकट शराबी ।
मन्त्र भूल निष्काम, काम-मय जग यह सारा ।
चल रविकर उड़ चलें, घूम न मारामारा ।।
चलो किसी रोते हुए को हंसाया जाए ---
डॉ टी एस दराल
हँसने वाले हैं भले, उनकी हंसी अमूल ।
टेंसन फ्री रहते सदा, खिलता जीवन फूल ।
खिलता जीवन फूल, डाक्टर साहब कहते ।
रविकर भला उसूल, लतीफे कहते रहते ।
ऐसे सज्जन वृन्द, अन्य को रहें हंसाते ।
हल्का रख माहौल, टेंसन सदा भगाते ।।
बढिया प्रस्तुति ... आभार
ReplyDeletenice presentation.samjhen ham
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति .बधाई .
ReplyDeleteबढिया प्रस्तुति .
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