View from Bhool-Bulaiya, a tourist place at lucknow, india
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दीप्ति
गुरूवार को सायंकाल 6 बजे जम्मू-सियालदह एक्सप्रेस से
लखनऊ से ISM धनबाद के लिए मेरा सन्दर्भ लेकर चली।
बनारस रात 2 बजे-
मुगलसराय-गया में लाइन पर मालगाड़ी के डिब्बे उलट गए थे-
सुबह चुनार की और चल पड़ी दीप्ति की रेल -
उनके पिताजी कानपुर में परेशान -
अपने विद्यालय जाते जाते वे भागे चुनार की और-
मिल गए चुनार में दीप्ति से -
जान में जान आई
मुगलसराय पटना का रुट शायद कंट्रोलर को नहीं पसंद आया इस ट्रेन के लिए-
अब दीप्ति चली गढ़वा रोड की तरफ -
न गया न गोमो
आज सुबह 5 बजे पहुंची धनबाद ।
रात भर इन्तजार में रहा मैं ।
पता नहीं किस समय पहुंचेगी दीप्ति ??
ईश्वर की कृपा ।
प्रवेश मिल गया-
अंतिम सीट ।
अरे हाँ एक बात बताना तो भूल ही गया -
यू पी की राजधानी में एक धरना कार्यक्रम चल रहा था -
तो वेलिंग्टन क्रोसिंग से चारबाग तक पैदल चली बेचारी ।
फिर भी
अंत भला सो सब भला ।।
अरे हाँ एक बात बताना तो भूल ही गया -
यू पी की राजधानी में एक धरना कार्यक्रम चल रहा था -
तो वेलिंग्टन क्रोसिंग से चारबाग तक पैदल चली बेचारी ।
फिर भी
अंत भला सो सब भला ।।
जब जब जो जो होना है तब तब सो सो होता है .तुलसी भरोसे राम के रहियो खाट पे सोय ,अनहोनी होनी नहीं होनी होय सो होय .बधाई अंत भला सो भला .
ReplyDeleteबधाई!
ReplyDeletethanks uncle... aapke support se hi sab kaam safal ho paaye...aapne prerit kiya tabhi mai aayi yaha..:)
ReplyDelete36 ghante ki musibat fayedemand tab lagi jab competitors tym p pahuch nhi paaye....;)
waah...mubarak ho dipti ko :-)
ReplyDeleteबाप रे! इतनी परेशानी!! दीप्ति बिटिया को उसकी इस मैराथन सफलता के लिए बहुत बधाई। उसका आभार चारों धाम की यात्रा के बाद अर्जित होने वाले पुन्य से भारी है।
ReplyDeleteसफलता के लिए बहुत बधाई...
ReplyDeleteआदरणीय रविकर जी हम भी प्रभु को धन्यवाद देते यही कहेंगे अंत भला तो सब भला .शुभ कामनाएं ..बधाई और मुबारक बाद दीप्ति जी और आप को भी ....भ्रमर ५
ReplyDeleteचलो अच्छा हुआ। परेशानी तो हुई लोकिन प्रवेश मिल गया बिटिया को।
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!
वाकई गजब हुआ है
ReplyDeleteअगर एडमिशन हुआ है
मैं सोच रहा था कोई छात्रा होगी
पता चला कि ब्लागर का हुआ है
वाकई गजब हुआ है ।