Saturday, 14 July 2012

एक ब्लॉगर का आखिर हो गया एडमीशन एम् टेक, कंप्यूटर साइंस में -

 View from Bhool-Bulaiya, a tourist place at lucknow, india

 
 दीप्ति 
गुरूवार को सायंकाल 6 बजे जम्मू-सियालदह एक्सप्रेस से 
लखनऊ से ISM धनबाद के लिए मेरा सन्दर्भ लेकर चली
बनारस  रात  2 बजे-
मुगलसराय-गया में लाइन पर मालगाड़ी के डिब्बे उलट गए थे-
सुबह चुनार की और चल पड़ी दीप्ति की रेल -
उनके पिताजी कानपुर  में परेशान  -
अपने विद्यालय जाते जाते वे भागे चुनार की और-
मिल गए चुनार में दीप्ति से -
जान में जान आई 
मुगलसराय पटना  का रुट शायद कंट्रोलर को नहीं पसंद आया इस ट्रेन के लिए-
अब दीप्ति चली गढ़वा रोड की तरफ -
न गया न गोमो 
आज सुबह 5 बजे पहुंची धनबाद ।
रात भर इन्तजार में रहा मैं ।
पता नहीं किस समय पहुंचेगी दीप्ति ??
ईश्वर की कृपा ।
प्रवेश मिल गया-
अंतिम सीट ।

अरे हाँ एक बात बताना तो भूल ही गया -
यू पी की राजधानी में एक धरना कार्यक्रम चल रहा था -
तो वेलिंग्टन क्रोसिंग  से चारबाग तक पैदल चली बेचारी ।
फिर  भी
अंत भला सो सब भला ।।

9 comments:

  1. जब जब जो जो होना है तब तब सो सो होता है .तुलसी भरोसे राम के रहियो खाट पे सोय ,अनहोनी होनी नहीं होनी होय सो होय .बधाई अंत भला सो भला .

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  2. thanks uncle... aapke support se hi sab kaam safal ho paaye...aapne prerit kiya tabhi mai aayi yaha..:)
    36 ghante ki musibat fayedemand tab lagi jab competitors tym p pahuch nhi paaye....;)

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  3. बाप रे! इतनी परेशानी!! दीप्ति बिटिया को उसकी इस मैराथन सफलता के लिए बहुत बधाई। उसका आभार चारों धाम की यात्रा के बाद अर्जित होने वाले पुन्य से भारी है।

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  4. सफलता के लिए बहुत बधाई...

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  5. आदरणीय रविकर जी हम भी प्रभु को धन्यवाद देते यही कहेंगे अंत भला तो सब भला .शुभ कामनाएं ..बधाई और मुबारक बाद दीप्ति जी और आप को भी ....भ्रमर ५

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  6. चलो अच्छा हुआ। परेशानी तो हुई लोकिन प्रवेश मिल गया बिटिया को।
    शुभकामनाएँ!

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  7. वाकई गजब हुआ है
    अगर एडमिशन हुआ है
    मैं सोच रहा था कोई छात्रा होगी
    पता चला कि ब्लागर का हुआ है
    वाकई गजब हुआ है ।

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