- @ लोक संघर्ष
अपराजेय योद्धा ब्रिगेडियर उस्मान
कबाइली का वेश दोगला, पाकिस्तानी सैनिक आये |
ग्यारह हजार थे, नौसेरा में, मार-काट आतंक मचाये |
कुशल नीति बन गई तुरत ही, उस्मान वीर झट-पट धाये |
मार भगाया दुश्मन को फिर, नौशेरा के शेर कहाए |
- @मेरा आशियाना
सुरेन्द्र शर्मा का जुमला - लोकतंत्र से है देश को खतरा
शर्मा जी अब बिन शरमाये, सरमाये पर सही कह रहे |
फैला पड़ा रायता नेता, जिसे हर जगह दही कह रहे |
"लोक" शोक में डूबा भटका, रविकर बातें कही कह रहे |
प्रश्न उठे है लोकतंत्र पर, व्यर्थ हुई "बड़-बही" कह रहे |
- @ मधुर गुंजन
यहाँ पर है नम्बर का चक्कर
मधुर लगा नंबर का गुंजन, दश नम्बरी सचिन तेंदुलकर |
तेरह नंबर के राष्ट्रपति का, है चुनाव अब आया नंबर |
बिन नंबर के टिकट मिले न, ट्रेन लगा न पाती चक्कर |
बारी बारी प्रभु रहे बुलाते, पूछ रहा निज नंबर रविकर ||
- @ बाला जी
मिलें पढ़े-लिखे अनपढ़ों से
डेली पैसेंजर के धंधे , सन्डे को ही पड़ते मंदे |
जानबूझकर ट्रेन पकड़ते, रखे इरादे गंदे गंदे |
पढ़े-लिखे हैं इसीलिए तो, मूर्ख समझते हैं दूजे को-
गली में खुद को शेर समझते, खता खुदा से करते बन्दे ||
- @ आब्जेक्शन मी लार्ड
थर्ड जेंडर
दुखद परिस्थिति किन्नर जीवन, सहते रहते कष्ट अजीब |
नहीं स्वर्ग का नरक नहीं फिर, लटक रहा त्रिशंकु सलीब |
पुरुष रूप में अंश नारि के, या नारी मन पुरुष शरीर --
इनपर थोड़ी कृपा कीजिये, रखिये दिल के तनिक करीब ||
- @ मैं आपसे मिलना चाहता हूँ
वाचस्पति से राष्ट्रपति बनना चाह रहे हैं अविनाश जी
आम आदमी खाकपति, पाले पतित विचार |
प्रस्तावक कैसे मिलें, अरबों का व्यापार |
अरबों का व्यापार, करो सेवा मैया की |
धरो धकेल पहाड़, कृपा भी हो भैया की |
वाचस्पति पति-राष्ट्र, तभी तो हो पाओगे |
बट टाइम इज लास्ड, ग्रेप्स खट्टे खाओगे ??
- @ उल्लूक टाइमखाता लायन आदमी, आदमखोर कहाय |
रक्त चूसते जो फकत, रक्तग्रीव बन जायँ |
रक्तग्रीव बन जायँ, राक्षस हो जाते हैं |
पर मानव का भेष, बदल वे ना पाते हैं |सत्ता शासन शक्ति, भक्त उसका हो जाता |ले मरियल कुछ पाल, वही जयकार लगाता ||
प्रसून
देखिए , पढ़िए राजनीति की काली कुतिया
सब सितार गंज में जमे, काली पीली भीत |
पर प्रसून तो शूल से, नहीं पा रहा जीत ||
Wednesday, 4 July 2012
वाचस्पति पति-राष्ट्र, तभी तो हो पाओगे
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
ReplyDeleteअभी नाइस की हाजिरी नहीं लगी यहाँ पर!
गुड़ हैं जी शब्द
ReplyDelete