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कछुवा कुछ भी न छुवा, हाथी काटे केक । 
बन्दर केला खाय के, छिलका देता फेंक । 
छिलका देता फेंक, फिसल कर गैंडा गिरता । 
बेहद मोटी खाल, हिरन से जाकर भिड़ता । 
चिड़िया हंसती जाय, देख के नाटक सारा । 
जन्म-दिवस का केक,  फेंक के हाथी मारा ।। 
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मत से है पूरा  प्यार सखे । 
मत करना तुम खिलवाड़ सखे । 
तुम दान करो तन मन धन मत - 
ताकि हम सकें दहाड़ सखे ।। 
स्वार्थ सिद्ध जब न होवे, 
सत्ता को चले उखाड़ सखे । 
निस्वार्थ भाव से कर्म करें जन  
कलुषित दिल मत ताड़ सखे ।। 
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"भइया मुझे झुलाएगा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')  
झूले झूला मगन मन, यह हरियाली तीज । 
सावन की छाई घटा, अंतस जाए भीज । 
अंतस जाए भीज, नहीं है प्रांजल भूला । 
हरी भरी सी डाल, डाल कर झूला-झूला । 
दादी लेती झूल, झूलती मैया चाची । 
धीरे धीरे खूब, झुलाए प्यारी प्राची ।। | 
 
७०० वी पोस्ट - पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' की १०६ वी जयंती पर विशेष
शिवम् मिश्रा  
बुरा भला 
हठी साहसी दृढ़-वचन, स्वाभिमान भरपूर । 
चरितवान निर्भीक मन, देशभक्ति में चूर । 
देशभक्ति में चूर, गुलामी की जंजीरें । 
बिलकुल नहीं कुबूल,  उठाते जब शमशीरें । 
काँप उठे अंग्रेज, किन्तु फिर से गद्दारी । 
रहे सदा आजाद, स्वयं को गोली मारी ।।  | 
 
साम्यवाद के शत्रु ये मार्क्सवादी' ---
विजय राज बली माथुर  
  
परबाबा खोदें कुआँ,  पीता पानी लाय  । 
झक्की-पन में एक ठो, मोटर दिया लगाय । 
मोटर दिया लगाय,  बड़ा कचडा है लेकिन । 
पानी रहे पिलाय , सभी को इसका हरदिन । 
देश काल माहौल, बदलता है तेजी से । 
करें इसी का पान, नियम से बन्धेजी से ।। 
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अब तो लोटा नहीं लोटे देने जा रहा हूँ
ReplyDeleteघर के सारे लोटे रविकर के घर पहुँचा रहा हूँ ।
कालेज के बच्चे सभी, प्रकट करें आभार .
ReplyDeleteजी
Deleteदरअसल सुशील जी जोशी को पढने वाले
लोग शिकायत करते हैं कि वे बहुत लम्बी कविता लिखते है-
उनकी एक कविता को छोटी करना था ||
अपने समझ न आई, प्रतियोगिता लोटा,
Deleteमुबारक हो रविकर जी को,ले जाये लोटा,,,,,,
ज़ोरदार प्रयास और प्रेम के लिए आभार :-)
ReplyDeleteरचना पर टिप्पणी कर, बढ़ जाती है शान
ReplyDeleteटिप्पणी पाकर आपकी,मिल जाता है मान,,,,,
आभार,,,,,,
मत से है पूरा प्यार सखे ।
ReplyDeleteमत करना तुम खिलवाड़ सखे ।
तुम दान करो तन मन धन मत -
ताकि हम सकें दहाड़ सखे ।।
स्वार्थ सिद्ध जब न होवे,
सत्ता को चले उखाड़ सखे ।
निस्वार्थ भाव से कर्म करें जन
कलुषित दिल मत ताड़ सखे ।।
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ram ram bhai
सोमवार, 23 जुलाई 2012
अमरीका नहीं देखा उसने जिसने लास वेगास नहीं देखा
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तथा यहाँ भी -
कैसे बचा जाए मधुमेह में नर्व डेमेज से
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