Friday 4 January 2013

बराबरी अधिकार, सोच वो ही क्यूँ बदले-

फर्क है भारत और इंडिया में.,रील लाइफ़ और रीअल लाइफ़ में

Virendra Kumar Sharma 
बदले क्यूँ कन्या कुशल, खुद के क्रिया कलाप ?
मचे इण्डिया में ग़दर, मदर इण्डिया काँप ।

मदर इण्डिया काँप, हाँफती रहती दिनभर ।
शाम तसल्ली-बख्स , मस्तियाँ मारे मनभर ।

अघ-पुरुषों धिक्कार, इरादे कितने गँदले ।
बराबरी अधिकार, सोच वो ही क्यूँ बदले ??


होय पुरुष का जन्म, हाथ पर चला आरियाँ -

इक नारी को घेर लें, दानव दुष्ट विचार ।
 शक्ति पुरुष की जो बढ़ी, अंड-बंड व्यवहार ।
अंड-बंड व्यवहार, करें संकल्प नारियां ।
होय पुरुष का जन्म, हाथ पर चला आरियाँ ।
काट रखे इक हाथ, बने नहिं अत्याचारी ।
कर पाए ना घात,  पड़े भारी इक नारी ।।

3 comments:

  1. क्योंकि ये तो समाज के ठेकेदार है, ये भला कैसे बदलेंगे ?

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  2. वाह सर वाह आपकी सोंच को नमन लाजवाब प्रस्तुति बधाई

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