Saturday, 26 January 2013

बके अनाप-शनाप, दशानन-सेक्युलर-आलिम -

अनुशंसा-तारीफ़, तनिक करना भी जानो-

विद्वानों की टोलियाँ, *बतर बोलियाँ बोल ।

करें कलेजा तर-बतर, पोल-पट्टियाँ खोल ।

पोल-पट्टियाँ खोल, झोल इसमें है लेकिन ।

नौसिखुवे हों गोल, हुवे हैं जिनको दो दिन ।

अनुशंसा-तारीफ़, तनिक करना भी जानो ।

अनजाने तकलीफ, नहीं दो हे!  विद्वानों ।।
*बुरी 

बाशिंदे अतिशय सरल, धरम-करम से काम  ।
सरल हृदय अपना बना,  देखे उनमें राम ।
 देखे उनमें राम, नम्रता नहीं दीनता ।
दीन धर्म ईमान, किसी का नहीं छीनता ।
पाले हिन्दुस्थान,  युगों से जीव-परिंदे ।
है सभ्यता महान, बोल अब तो-बा-शिंदे ।।
 तो-बा-शिंदे बोल तू , तालिबान अफगान ।

काबुल में विस्फोट कर, डाला फिर व्यवधान ।

डाला फिर व्यवधान, यही क्या यहाँ हो रहा ?

होता भी है अगर, वजीरी व्यर्थ ढो  रहा ।

फूट व्यर्थ बक्कार, इन्हें चुनवा दे जिन्दे ।

होवे खुश अफगान, पाक के तो बाशिंदे ।। 

कर भला हो भला |

G.N.SHAW  
BALAJI  
 
हटकु उठाया हाट से, नहीं चुकाया दाम |
मच्छ-घातिनी में फँसा, बुरा एक अंजाम |


बुरा एक अंजाम, पकी स्वादिष्ट मछलियाँ |
मछली कांटा कंठ, करे व्याकुल घर गलियाँ |


मछुवारा अनजान, मदद कुछ कर ना पाया
रोया बहुत दबंग, हटकु यमराज उठाया ||


 लालित्यम् 

गुप्त कहीं गोदावरी, कहें गौतमी-गंग |
पञ्च नदी संगम विचित्र, ब्रह्मारण्या-अंग |

ब्रह्मारण्या-अंग, यही तो जीवन रेखा |
पूरा दक्षिण क्षेत्र, इन्हें श्रद्धा से देखा |

दीदी का आलेख, अनोखी चीजें लाया |
हिमगिरि का ननिहाल, हमें विधिवत समझाया ||

यही है सेकुलरिज्म

Virendra Kumar Sharma 

 रोपे अंगद सा कदम, जाए रावण काँप ।
घबराहट में हो रहे, गडबड क्रिया-कलाप ।

गडबड क्रिया-कलाप, नाप रस्ता रे जालिम ।
बके अनाप-शनाप, दशानन-सेक्युलर-आलिम ।

सर्व-धर्म समभाव, नहीं भारत में लोपे ।
 हरदम जागृत हिन्दु ,  व्यर्थ यूँ ना आरोपे ।।

पैना पड़ता पीठ पर , लेकिन चमड़ी मोट ।

दमड़ी दमड़ी लुट गई, सहता रहता चोट ।

फोटो खिंचा रहा अनशन में ।




पैनापन तलवार सा, कैंची कतरे कान ।

सुन लो बात वजीर की, होता जो हैरान-

आग लगे उस नश्वर तन में ।।


बा-शिंदे चाहे मरें,  कांगरेस परिवार ।

अव्वल रहते रेस में, शत्रु दलों को मार -

यही इण्डिया, रहें वतन में ।।


गडके-करी समेत धन, पता पता नहिं मित्र ।

छापे पड़ने लगे जब, हालत हुई विचित्र -

बदल गया निर्णय फिर क्षण में ।।


बाप-पूत अन्दर गए, शिक्षक आये याद ।

दो दो मिल सोलह करे, शिक्षा हो बरबाद -

हरियाणा में किस्सा जन्में ।।

मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता -1

दिनेश चन्द्र गुप्ता ,रविकर
वरिष्ठ तकनीकी सहायक
इंडियन स्कूल ऑफ़ माइंस
धनबाद झारखण्ड

पिता:  स्व. सेठ लल्लूराम जी गुप्ता
माता : स्व. मुन्नी देवी

धर्म-पत्नी : श्रीमती सीमा गुप्ता
सुपुत्र : कुमार शिवा ( सहायक प्रबंधक , TCIL,  नई  दिल्ली  )
सुपुत्री : 1. मनु गुप्ता (ASE, TCS लखनऊ )
2. स्वस्ति-मेधा ( B Tech केमिकल इंजी )
(ग्रीन वैली -शिमला -कुफरी )
जन्म स्थान : पटरंगा मंडी  जिला फैजाबाद  उत्तर प्रदेश
जन्म तिथि : 15 अगस्त 1960

6 comments:

  1. हटकु उठाया हाट से, नहीं चुकाया दाम |
    मच्छ-घातिनी में फँसा, बुरा एक अंजाम |

    बुरा एक अंजाम, पकी स्वादिष्ट मछलियाँ |
    मछली कांटा कंठ, करे व्याकुल घर गलियाँ |

    मछुवारा अनजान, मदद कुछ कर ना पाया
    रोया बहुत दबंग, हटकु यमराज उठाया ||

    कांटे का फंसना महज़ इत्तेफाक है अगर करनी के साथ भरनी होती तो संसद में आसीन जेलों के तीर्थ तिहाड़ में होते .फंस गया उसे फंदा ,रह गया उसे आज़ादी .

    ReplyDelete
  2. उतार नजर ले बलैयां ,नजर न लगे किसी वक्र मुखी कलमुंहे की .

    दिनेश चन्द्र गुप्ता ,रविकर
    वरिष्ठ तकनीकी सहायक
    इंडियन स्कूल ऑफ़ माइंस
    धनबाद झारखण्ड

    पिता: स्व. सेठ लल्लूराम जी गुप्ता
    माता : स्व. मुन्नी देवी

    धर्म-पत्नी : श्रीमती सीमा गुप्ता
    सुपुत्र : कुमार शिवा ( सहायक प्रबंधक , TCIL, नई दिल्ली )
    सुपुत्री : 1. मनु गुप्ता (ASE, TCS लखनऊ )
    2. स्वस्ति-मेधा ( B Tech केमिकल इंजी )

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,

    ReplyDelete
  4. सभी पोस्ट और उनपे आपकी कुण्डलिया बेहतरीन | सपरिवार आपको देखकर अच्छा लगा |

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    वन्देमातरम् !
    गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  6. आदरणीय गुरुदेव श्री बहुत ही सुन्दर कुण्डलिया हैं, पढ़ आनंदित होता मन. हारिद्क बधाई.

    ReplyDelete