आजादी अभिव्यक्ति की, चटुक चुटीले भाव | ईश हुआ उन्नीस है, मत उसको उकसाव | मत उसको उकसाव, भक्त ही बनते भगवन | होता नहीं अघाव, भोग खाकर भी छप्पन | ऊपर प्रभु निश्चिन्त, बजे जनता का बाजा | कहाँ सुने आवाज, धरा-प्रभु बोले आ जा || |
हिमगिरि के ननिहाल में (उत्तरार्ध).
प्रतिभा सक्सेना
लालित्यम्
गुप्त कहीं गोदावरी, कहें गौतमी-गंग | पञ्च नदी संगम विचित्र, ब्रह्मारण्या-अंग | ब्रह्मारण्या-अंग, यही तो जीवन रेखा | पूरा दक्षिण क्षेत्र, इन्हें श्रद्धा से देखा | दीदी का आलेख, अनोखी चीजें लाया | हिमगिरि का ननिहाल, हमें विधिवत समझाया || |
अरुन शर्मा "अनंत"
दास्ताँने - दिल (ये दुनिया है दिलवालों की)
हमेशा वजन में खरी हो गजल - भरे भाव से हैं सभी शेर भी | अरुण क्या कहें वाह रविकर करे- कहें दोस्त अपने कहें गैर भी || |
Virendra Kumar Sharma
ज्ञानपीठ लिक्खाड़ को, पुर्जे-पुर्जे ख़्वाब |
पुर्जा उड़ जाए अगर, हालत होय खराब | हालत होय खराब, चढ़ा ले आस्तीन फिर | आस्तीन के साँप, सफलता चढ़ती है सिर|
खान-दान का खूह, खुदा है, लगा डुबकियाँ |
तृप्त हो चुकी रूह, भंजा ले मियाँ सुबकियाँ ||
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ReplyDeleteI am a Hindu and by corollary a terrorist .Jai ho .This sentence of mine is dedicated to Mr Shinde the HM of India not of Bharat .
यह लड़ाई राष्ट्रवादियों और राष्ट्रघातियों के बीच में है .राष्ट्रघाती सेकुलर होने का छद्म आवरण ओढ़े हुए हैं यही उनकी पहचान है .अगर कहीं कोई अपने आपको सेकुलर कहता मिल जाए तो उसकी
ReplyDeleteकैफियत पहचान लीजिएगा .
ReplyDeleteदुश्शासन बैठा संसद में ,
अब्दाली की अब है दिल्ली .
सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteआपको गणतंत्र दिवस की बधाइयाँ और शुभकामनायें.
सुन्दर लिंक
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको ..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिनक्स
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएं
देश के 64वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ReplyDelete--
आपकी पोस्ट के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-01-2013) के चर्चा मंच-1137 (सोन चिरैया अब कहाँ है…?) पर भी होगी!
सूचनार्थ... सादर!
बहुत सुंदर,प्रस्तुति,,,,
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
recent post: गुलामी का असर,,,