Thursday, 10 January 2013

पाकी दो सैनिक हते, इत नक्सल इक्कीस-

Thursday, 10 January 2013

नक्सल पीछे कहाँ, तनिक आगे है पाकी

Three killed in Naxal attack on police van in Jharkhand

पाकी सिर काटे अगर, व्यक्त सही आक्रोश ।
मरे पुलिस के पेट में, नक्सल दे बम खोंस ।
नक्सल दे बम खोंस, आधुनिक विस्फोटक से ।
करे धमाका ठोस, दुबारा पूरे हक़ से ।
अन्दर बाहर शत्रु, बताओ अब क्या बाकी ।
नक्सल पीछे कहाँ, तनिक आगे है पाकी ।।
 

Tuesday, 8 January 2013

  बाह्य-व्यवस्था फेल, नहीं अन्दर भी बाकी

पाकी दो सैनिक हते, इत नक्सल इक्कीस ।
रविकर इन पर रीस है, उन पर दारुण रीस ।
उन पर दारुण रीस, देह क्षत-विक्षत कर दी ।
सो के सत्ताधीश, गुजारे घर में सर्दी ।
बाह्य-व्यवस्था फेल, नहीं अन्दर भी बाकी ।
सीमोलंघन खेल, बाज नहिं आते पाकी ।। 

चेंज करा के सेक्स, सजा दो जस्टिस वर्मा-

जस्टिस वर्मा को मिले, भाँति-भाँति के मेल ।
रेपिस्टों की सजा पर, दी दादी भी ठेल ।  

दी दादी भी ठेल, कत्तई मत अजमाना ।
 सही सजा है किन्तु, जमाना मारे ताना ।

जो भी औरत मर्द, रेप सम करे अधर्मा ।
चेंज करा के सेक्स, सजा दो जस्टिस वर्मा ।।


ठण्ड माघ की बाघ, बढ़ा के रेल किराया-

 देख रियाया आ डटी, कपट सियासत झेल ।
रियासती-झंझट बढ़े, सीमा पर भी फेल ।
सीमा पर भी फेल, शादियाँ होती नाना ।
अब्दुल्ला हर बार, और ज्यादा मस्ताना ।
ठण्ड माघ की बाघ, बढ़ा के रेल किराया ।
मंत्री मूते आग,  रुलाते देख रियाया ।।

मोहन बाबू मर्द, कभी काटी ना चुटकी-

indian commuter train
 दो दो पैसे में बटा, किम्मी किम्मी दर्द
तुम क्या जानो कीमतें, मोहन बाबू मर्द ।
मोहन बाबू मर्द, कभी काटी ना चुटकी
देह आज है जर्द, आत्मा अटकी भटकी ।
समय सुरक्षित रेल, बढ़ें सुविधाएं कैसे ?
रहे संपदा लूट, लूट अब दो दो पैसे ।।

2 comments:

  1. समय सुरक्षित रेल,बढ़ें सुविधाएं कैसे ?
    रहे संपदा लूट, लूट अब दो दो पैसे ।।

    सटीक प्रस्तुति,,बधाई रविकर जी,,,,,,

    recent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...

    ReplyDelete
  2. प्रभावशाली ,
    जारी रहें।

    शुभकामना !!!

    आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
    आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।

    ReplyDelete