एक अमीर बलात्कारी --
ZEAL
छी छी छी दारुण वचन, दारू पीकर संत ।
बार बार बकवास कर, करते पाप अनंत ।
करते पाप अनंत, कथा जीवन पर्यन्तम ।
लक्ष भक्त श्रीमन्त, अनुसरण करते पन्थम ।
रविकर बोलो भक्त, निगलते कैसे मच्छी ।
आशा उगले राम, रोज खा कर जो छिच्छी ।।
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दामिनी का अपनों के नाम सन्देश !
संतोष त्रिवेदी
बैसवारी baiswari
मिनी इण्डिया जागता, सोया भारत देश | फैली मृग मारीचिका, भला करे आवेश | भला करे आवेश, रेस नहिं लगा नाम हित | लगी मर्म पर ठेस, जगाये रखिये यह नित | करिए औरत मर्द, सुरक्षित दिवस यामिनी | रक्षित नैतिक मूल्य, बचाए सदा दामिनी || |
DR. ANWER JAMAL
शब्द शब्द अंगार है, धारदार हथियार |
नहीं दुश्मनी से भला, मित्र बांटिये प्यार | मित्र बांटिये प्यार, भूख इक सी ही होवे | बच्चों को अधिकार, कभी नहिं दुःख से रोवे | अपना अपना धर्म, नियम से अगर निभाओ | हर बन्दे में ईश, सामने दर्शन पाओ || |
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बहुत ख़ूब वाह!
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