ZEAL
पंजा-वाले से भला, खुरवाला खुद्दार ।
परम्परागत चाल से, करे जाति-उद्धार ।
करे जाति-उद्धार, जलाशय पद्म उगाये ।
तोडूं तारे-चाँद, कथ्य पंजा भरमाये ।
गंगा गीता गाय, पूजने खिलता *अंजा।
छक्का पंजा करे, सदा ही खूनी पंजा ।।
अंज = पद्म , कमल |
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
लीडर की करते नक़ल, भेड़-चाल में लीन । विल्डबीस्ट खुर-पशु सदा, लगते बुद्धि विहीन । लगते बुद्धि विहीन, जुबाँ लम्बी है लेकिन । हुआ गरदुआ रोग, करे खुरचाली हर-दिन । खुराफात खुर्राट, खुरखुरा मानव रविकर । खड़ी-खाट खटराग, किन्तु बढ़िया है लीडर ।। खुरचाली = बुरा आचरण |
Kailash Sharma
देख दिव्यतम रूप यह, रोमांचित हो पार्थ | अनंत रूप जीवन विषद, दिखते अनंत पदार्थ | दिखते अनंत पदार्थ , प्रभावी भक्तिमई है | कथा प्रवाह अनंत, लिखे सोपान कई हैं | माँ शारद का वास, रूप यह दिखा सरलतम | शिल्प-कथ्य है श्रेष्ठ, कृष्ण को देख दिव्यतम || |
सावधान रहने का समय है !संतोष त्रिवेदी |
हाथ-पैर में बल पड़े, शुरू देह में खाज |
सैनिक सेनापति खड़े, गिरे जहर की गाज |
गिरे जहर की गाज, अजब चित्रण है भाई |
फिर भी है संतोष, करें केवल उबकाई |
चलें शब्द के तीर, मीर जो मारे पहले |
जन-गण-मन को चीर, मार नहले पे दहले ||
**~" बच्चों के लिए गुब्बारे ले लो ना आंटी...." ~**
Anita (अनिता)
बड़ा मार्मिक दृश्य है, सर्दी का एहसास | धुंध गोमती तट विषद, स्वेटर भी नहिं पास | स्वेटर भी नहिं पास, निराश तब बढ़ जाती | जब उसके बैलून, नहीं उसके ले पाती | पर बढ़िया संकल्प, जाएँ जब उधर दुबारा | कपडे लत्ते साथ, खरीदो कुल गुब्बारा || |
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मुख्य विपक्षी है वहाँ, लगातार दे दंश | |
कांग्रेस की रुदाली
ReplyDeleteZEAL
ZEAL
पंजा-वाले से भला, खुरवाला खुद्दार ।
परम्परागत चाल से, करे जाति-उद्धार ।
करे जाति-उद्धार, जलाशय पद्म उगाये ।
तोडूं तारे-चाँद, कथ्य पंजा भरमाये ।
गंगा गीता गाय, पूजने खिलता *अंजा।
छक्का पंजा करे, सदा ही खूनी पंजा ।।
अंज = पद्म , कमल
करता अपने देश को नित्य प्रति बदनाम ,
शिंदे उसका नाम ,
नेतागिरी काम ,,सदियों से बदनाम .
करता अपने देश को नित्य प्रति बदनाम ,
शिंदे उसका नाम ,
नेतागिरी काम ,,सदियों से बदनाम .
रविकर करो प्रणाम ,
जात ऊंची नेता की .
खरदूषण है नाम .
अब इसे पूरी करो भाई साहब .
बहुत सही .सार्थक करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .
ReplyDeleteआप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
बहुत लाजबाब,,,प्रस्तुति,,,बधाई,
ReplyDeleterecent post: गुलामी का असर,,,
पैनापन तलवार सा, कैंची कतरे कान ।
ReplyDeleteसुन लो बात वजीर की, होता जो हैरान-
आग लगे उस नश्वर तन में ।।बहुत सुन्दर है .
बहुत सुन्दर...
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