Wednesday, 23 January 2013

तोडूं तारे-चाँद, कथ्य पंजा भरमाये-




ZEAL 

 ZEAL
पंजा-वाले से भला, खुरवाला खुद्दार ।
परम्परागत चाल से, करे जाति-उद्धार ।

करे जाति-उद्धार, जलाशय पद्म उगाये  
  तोडूं तारे-चाँद, कथ्य पंजा भरमाये ।

गंगा गीता गाय, पूजने खिलता *अंजा।
छक्का पंजा करे,  सदा ही खूनी पंजा ।।

अंज = पद्म , कमल 



पी.सी.गोदियाल "परचेत" 


लीडर की करते नक़ल, भेड़-चाल में लीन ।
विल्डबीस्ट खुर-पशु सदा, लगते बुद्धि विहीन  ।

लगते बुद्धि विहीन, जुबाँ लम्बी है लेकिन ।
हुआ गरदुआ रोग, करे खुरचाली हर-दिन ।

खुराफात खुर्राट, खुरखुरा मानव रविकर ।
खड़ी-खाट खटराग, किन्तु बढ़िया है लीडर ।।

खुरचाली = बुरा आचरण 


Kailash Sharma 


देख दिव्यतम रूप यह, रोमांचित हो पार्थ |
अनंत रूप जीवन विषद, दिखते अनंत पदार्थ |

दिखते अनंत पदार्थ , प्रभावी भक्तिमई है |
कथा प्रवाह अनंत, लिखे सोपान कई हैं |

माँ शारद का वास, रूप यह दिखा सरलतम |
शिल्प-कथ्य है श्रेष्ठ, कृष्ण को देख दिव्यतम ||


सावधान रहने का समय है !

संतोष त्रिवेदी 
 बैसवारी baiswari 

हाथ-पैर में बल पड़े, शुरू देह में खाज |
सैनिक सेनापति खड़े, गिरे जहर की गाज |


गिरे जहर की गाज, अजब चित्रण है भाई |
फिर भी है संतोष, करें केवल उबकाई |


चलें शब्द के तीर, मीर जो मारे पहले |
जन-गण-मन को चीर, मार नहले पे दहले ||



**~" बच्चों के लिए गुब्बारे ले लो ना आंटी...." ~**

Anita (अनिता) 


बड़ा मार्मिक दृश्य है, सर्दी का एहसास |
धुंध गोमती तट विषद, स्वेटर भी नहिं पास |


स्वेटर भी नहिं पास, निराश तब बढ़ जाती |
जब उसके बैलून, नहीं उसके ले पाती |


पर बढ़िया संकल्प, जाएँ जब उधर दुबारा  |
कपडे लत्ते साथ, खरीदो कुल गुब्बारा ||
 

बीते हुए पल


Rajendra Kumar 

दर्द दरदरा देखता, दरपन मध्य दरार |
दिल दुखवा कासे कहूँ, कैसे बीच बजार |

पैना पड़ता पीठ पर , लेकिन चमड़ी मोट ।
दमड़ी दमड़ी लुट गई, सहता रहता चोट ।
फोटो खिंचा रहा अनशन में ।

पैनापन तलवार सा, कैंची कतरे कान ।
सुन लो बात वजीर की, होता जो हैरान-
आग लगे उस नश्वर तन में ।।



Virendra Kumar Sharma 
काबुल में करता रहा, तालिबान विध्वंस |
मुख्य विपक्षी है वहाँ, लगातार दे दंश |

लगातार दे डंस, बड़ा आतंकी दल है |
लांछित भाजप किन्तु, राष्ट्र का बल-सम्बल है |

फिर भी तुम बेचैन, बहुत हो जाते व्याकुल |
अंड-बंड बकवास, बनाना चाहो काबुल ||


5 comments:

  1. कांग्रेस की रुदाली

    ZEAL

    ZEAL
    पंजा-वाले से भला, खुरवाला खुद्दार ।
    परम्परागत चाल से, करे जाति-उद्धार ।

    करे जाति-उद्धार, जलाशय पद्म उगाये ।
    तोडूं तारे-चाँद, कथ्य पंजा भरमाये ।

    गंगा गीता गाय, पूजने खिलता *अंजा।
    छक्का पंजा करे, सदा ही खूनी पंजा ।।

    अंज = पद्म , कमल

    करता अपने देश को नित्य प्रति बदनाम ,

    शिंदे उसका नाम ,

    नेतागिरी काम ,,सदियों से बदनाम .

    करता अपने देश को नित्य प्रति बदनाम ,

    शिंदे उसका नाम ,

    नेतागिरी काम ,,सदियों से बदनाम .

    रविकर करो प्रणाम ,

    जात ऊंची नेता की .

    खरदूषण है नाम .

    अब इसे पूरी करो भाई साहब .

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  2. पैनापन तलवार सा, कैंची कतरे कान ।
    सुन लो बात वजीर की, होता जो हैरान-
    आग लगे उस नश्वर तन में ।।बहुत सुन्दर है .

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  3. बहुत सुन्दर...

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